रुड़कीः सरकार की योजनाओं को किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है, इसका उदाहरण झबरेड़ा के लाठरदेवा गांव को देखकर साफ लगाया जा सकता है. जहां करीब दो साल पहले खेतों में डाली जाने वाली पाइपलाइन को बिना डाले ही कार्य पूर्ण दर्शा दिया गया. मामले का खुलासा तब हुआ जब गांव के ही एक व्यक्ति ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरटीआई समेत एक शिकायती पत्र अधिकारियों को देकर कार्रवाई की मांग की. शिकायत होने की भनक जैसे ही ब्लॉककर्मियों को लगी तो आनन-फानन में पाइपलाइन डालने का काम शुरू किया गया. हालांकि मामले में जांच शुरू हो गई है.
सरकार गांव के विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर आदर्श गांव बनाने की मुहिम में जुटी है. ग्राम प्रधान व ब्लॉक के कर्मचारी गांव के विकास के नाम पर महज खानापूर्ति कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं. दरअसल, नारसन ब्लॉक के लाठरदेवा गांव के खेतों में सिंचाई के लिए लाखों रुपयों की लागत से पाइपलाइन बिछाई जानी थी. लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया. जब गांव के ही एक व्यक्ति ने इस कार्य की जानकारी आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई तो पता चला कि जो काम दो साल पहले संपन्न दिखाया हुआ है, वह कार्य धरातल पर हुआ ही नहीं. आरटीआई की भनक ब्लॉक के कर्मचारियों को लगी तो आनन-फानन में उन्होंने खेतों में पाइप लाइन बिछाना शुरू कर दिया.
आरटीआई शिकायतकर्ता का आरोप है कि ग्राम प्रधान और ब्लॉक के कर्मचारियों की मिली भगत से लाखों रुपए का गबन किया गया है. जो कार्य दो साल पहले संपन्न दिखाया गया है, वो मौके पर हुआ ही नहीं. इसकी शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से की है. वहीं, ब्लॉक खंड विकास अधिकारी मुकेश त्यागी का कहना है कि इस मामले की शिकायत मिली थी. इसके लिए जांच कमेटी बनाई गई है. जांच कमेटी द्वारा जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.