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रुड़की: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज - रुड़की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन' के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की जानकारी पर चर्चा हुई.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एप्लीकेशन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
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Published : Nov 20, 2019, 9:13 PM IST

रुड़की: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हो गया है. इस सम्मेलन में यूएसए से आए प्रोफेसरों ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कल 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एप्लीकेशन' के क्षेत्र में रिसर्च और डवलेपमेंट को लेकर चर्चा की जाएगी.

वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से पलायन को रोका जा सकता है. साथ ही चारधाम यात्रा मात्रा को सुरक्षित और आसान बनाया जा सकता है. उन्होंने इस दिशा में शोधार्थियों को रिसर्च करने की प्रेरणा दी. साथ ही उन्होंने आयोजकों से आगामी दिनों में भी इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजन करने का आग्रह किया.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज.

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उधर, यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास अमेरिका से आए विशिष्ट अतिथि डॉ. गोपाल गुप्ता ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हो रहे आधुनिक कार्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह तकनीकी मानव जीवन के हर क्षेत्र में काम आएगी. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऐसी मशीनें है, जो मानव की तरह कार्य करती है. जिनका प्रयोग फेसबुक, व्हाट्सअप, फ्लिपकार्ट और ऑटोमोबाइल कंपनियां ग्राहकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में प्रयोग कर रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस तकनीकी का प्रयोग विकसित देशों में लगभग हर क्षेत्र जैसे कृषि, संचार, ट्रैफिक कंट्रोल में किया जा रहा है.

रुड़की: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हो गया है. इस सम्मेलन में यूएसए से आए प्रोफेसरों ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कल 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एप्लीकेशन' के क्षेत्र में रिसर्च और डवलेपमेंट को लेकर चर्चा की जाएगी.

वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से पलायन को रोका जा सकता है. साथ ही चारधाम यात्रा मात्रा को सुरक्षित और आसान बनाया जा सकता है. उन्होंने इस दिशा में शोधार्थियों को रिसर्च करने की प्रेरणा दी. साथ ही उन्होंने आयोजकों से आगामी दिनों में भी इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजन करने का आग्रह किया.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज.

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उधर, यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास अमेरिका से आए विशिष्ट अतिथि डॉ. गोपाल गुप्ता ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हो रहे आधुनिक कार्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह तकनीकी मानव जीवन के हर क्षेत्र में काम आएगी. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऐसी मशीनें है, जो मानव की तरह कार्य करती है. जिनका प्रयोग फेसबुक, व्हाट्सअप, फ्लिपकार्ट और ऑटोमोबाइल कंपनियां ग्राहकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में प्रयोग कर रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस तकनीकी का प्रयोग विकसित देशों में लगभग हर क्षेत्र जैसे कृषि, संचार, ट्रैफिक कंट्रोल में किया जा रहा है.

Intro:रुड़की

रूड़की: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रूडकी (कोर) में आर्टिफिशियल, इंटेलिजेंस, एप्लीकेशन पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। जिसमे यूएसए से आए प्रोफेसर ने छात्रों को महत्पूर्ण जानकारी दी। इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एप्लीकेशन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की जानकारी पर चर्चा हुई। महानिदेशक ( कोर ) प्रोफेसर एस पी गप्ता, द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को परिभाषित करने के साथ साथ उसके बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। कालेज के अध्यक्ष श्री जे सी जैन ने अतिथियों के आगमन पर आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि आज देश की आर्थिक प्रगति एवं व्यवसाय की दशा सर्वविदित है। आज का युग तकनीकी का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग है। उन्होंने बताइस आज वैश्विक मंदी के कारण हमारे देश का व्यवसाय संघर्ष के पथ पर है इसी को दृष्टि में रखते हुए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें विभिन्न विशेषज्ञो, शोध शास्त्रीयों एवं शिक्षकों द्वारा व्यवसाय व जीवना की विभिन्न समस्याओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये जाये और नीति निर्धारको को एक वैज्ञानिक धरातल प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा हम उन सभी लोगों के अत्यन्त आभारी है जिन्होंने देश विदेश से आकर सम्मेलन में भाग लिया है।

Body:वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० नरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि देश से जुड़ी समस्या का समाधान ढूंढना और चिंतन करना सराहनीय कदम है उन्होंने बताया आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से उत्तराखण्ड में पलायन को रोका जा सकता है एवं चार धार यात्रा को बिना पहाड काटे आसान बनाया जा सकता है। साथ ही उन्होने शोधार्थियो को इस दिशा में शोध करने की प्रेरणा दी और आयोजको को इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित करने का आग्रह किया। यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास अमेरिका से आये विशिष्ट अतिथि डॉ० गोपाल गुप्ता ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हो रहे आधुनिक कार्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह तकनीकी मानव जीवन के हर क्षेत्र हर पहलू में काम आयेगी। उन्होंने कहा आज हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित ऐसी मशीने है जो मानव की तरह कार्य करती है । जिनका प्रयोग फेसबुक, वाटसअप, फिलिप कार्ट एवं ओटोमोबाइल कम्पनिया अपने ग्राहको का आधुनिक सुविधाए प्रदान करने में प्रयोग कर रही है, साथ ही उन्होंने बातया कि इस तकनीकी का प्रयोग विकसित देशों में लगभग हर क्षेत्र जैसे कृषि, ओटोमोबाइल, संचार, टेफिक 'कन्टोल आदि में किया जा रहा है ।

बाइट-- जे.सी. जैन (चैयरमैन कोर कॉलेज)
बाइट-- गोपाल गुप्ता (प्रोफेसर यूएसए)Conclusion:
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