रुड़की: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हो गया है. इस सम्मेलन में यूएसए से आए प्रोफेसरों ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कल 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एप्लीकेशन' के क्षेत्र में रिसर्च और डवलेपमेंट को लेकर चर्चा की जाएगी.
वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से पलायन को रोका जा सकता है. साथ ही चारधाम यात्रा मात्रा को सुरक्षित और आसान बनाया जा सकता है. उन्होंने इस दिशा में शोधार्थियों को रिसर्च करने की प्रेरणा दी. साथ ही उन्होंने आयोजकों से आगामी दिनों में भी इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजन करने का आग्रह किया.
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उधर, यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास अमेरिका से आए विशिष्ट अतिथि डॉ. गोपाल गुप्ता ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हो रहे आधुनिक कार्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में यह तकनीकी मानव जीवन के हर क्षेत्र में काम आएगी. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऐसी मशीनें है, जो मानव की तरह कार्य करती है. जिनका प्रयोग फेसबुक, व्हाट्सअप, फ्लिपकार्ट और ऑटोमोबाइल कंपनियां ग्राहकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में प्रयोग कर रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस तकनीकी का प्रयोग विकसित देशों में लगभग हर क्षेत्र जैसे कृषि, संचार, ट्रैफिक कंट्रोल में किया जा रहा है.