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इंदिरा गांधी से जुड़े इस खौफनाक मंजर को याद कर आज भी सहम जाते हैं हरिद्वार के संत

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Published : Oct 31, 2019, 11:06 PM IST

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दंगे फैल गए थे. इन दंगों की आग हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम भी पहुंची थी. आश्रम के संत उस घटना को याद करके आज भी सहम जाते हैं. वह बताते हैं कि उनके साथ मारपीट की गई साथ ही उनके आश्रम में आगजनी भी की गई.

हरिद्वार

हरिद्वार: साल 1984 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दंगे फैल गए थे. दंगों की आग ने धर्मनगरी हरिद्वार को भी अपनी चपेट में लिया था. यहां भी उन दंगों ने विकराल रूप लिया था, जिसमें हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल संत पुरा आश्रम को आग के हवाले कर दिया गया. जब भी आश्रम के संत और स्थानीय लोग इस घटना को याद करते हैं, तो सहम जाते हैं.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद फैले दंगों को याद कर सहम जाते हैं हरिद्वार के संत.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया था. यह आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई थी. इसकी तपिश हरिद्वार तक भी पहुंची. हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम से जुड़े सिखों व संतों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. आश्रम के संत उस घटना को याद करके आज भी सहम जाते हैं. वह बताते हैं कि उनके साथ मारपीट की गई. साथ ही उनके आश्रम में आगजनी भी की गई. आग आश्रम के गेट के साथ कई होटल और घरों में आग लगा दी गई. साथ ही लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया गया.

हरिद्वार में मौजूद संतों और सिखों को जिंदा जलाने का प्रयास भी किया गया. हालांकि, उस घटना के बाद आजतक किसी भी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई. किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसको लेकर आज भी आश्रम के संत आक्रोशित हो जाते हैं जब इस घटना को याद करते हैं. हरिद्वार के स्थानीय लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले हैं.

हरिद्वार के वरिष्ठ जन बताते हैं कि इंदिरा की हत्या के बाद वह भी घबरा गए. न जाने कौन लोग थे जो सिखों को टारगेट कर उन्हें मारने का प्रयास कर रहे थे. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व गंगा सभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी का कहना है कि उन्होंने खुद अपने सभी साथियों के साथ मिलकर सिखों को बचाने का प्रयास किया. वहीं, हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार भी बताते हैं कि किस तरह से सिखों को टारगेट किया गया और किस तरह सभी घटनाएं घटीं.

पढ़ें- EMERGENCY के बाद जनसभा से डरती थीं इंदिरा, हरिद्वार रैली ने बदल दी थी किस्मत

इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पूरे देश भर में उनको याद किया. लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, दूसरी ओर एक समाज से जुड़े लोग उन दंगों को याद कर सहम जाते हैं. हालात यहां तक हो गए थे कि रातों-रात डरे सहमे लोगों को सब कुछ छोड़ कर भागने को मजबूर होना पड़ा.

हरिद्वार: साल 1984 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दंगे फैल गए थे. दंगों की आग ने धर्मनगरी हरिद्वार को भी अपनी चपेट में लिया था. यहां भी उन दंगों ने विकराल रूप लिया था, जिसमें हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल संत पुरा आश्रम को आग के हवाले कर दिया गया. जब भी आश्रम के संत और स्थानीय लोग इस घटना को याद करते हैं, तो सहम जाते हैं.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद फैले दंगों को याद कर सहम जाते हैं हरिद्वार के संत.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया था. यह आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई थी. इसकी तपिश हरिद्वार तक भी पहुंची. हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम से जुड़े सिखों व संतों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. आश्रम के संत उस घटना को याद करके आज भी सहम जाते हैं. वह बताते हैं कि उनके साथ मारपीट की गई. साथ ही उनके आश्रम में आगजनी भी की गई. आग आश्रम के गेट के साथ कई होटल और घरों में आग लगा दी गई. साथ ही लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया गया.

हरिद्वार में मौजूद संतों और सिखों को जिंदा जलाने का प्रयास भी किया गया. हालांकि, उस घटना के बाद आजतक किसी भी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई. किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसको लेकर आज भी आश्रम के संत आक्रोशित हो जाते हैं जब इस घटना को याद करते हैं. हरिद्वार के स्थानीय लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले हैं.

हरिद्वार के वरिष्ठ जन बताते हैं कि इंदिरा की हत्या के बाद वह भी घबरा गए. न जाने कौन लोग थे जो सिखों को टारगेट कर उन्हें मारने का प्रयास कर रहे थे. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व गंगा सभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी का कहना है कि उन्होंने खुद अपने सभी साथियों के साथ मिलकर सिखों को बचाने का प्रयास किया. वहीं, हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार भी बताते हैं कि किस तरह से सिखों को टारगेट किया गया और किस तरह सभी घटनाएं घटीं.

पढ़ें- EMERGENCY के बाद जनसभा से डरती थीं इंदिरा, हरिद्वार रैली ने बदल दी थी किस्मत

इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पूरे देश भर में उनको याद किया. लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, दूसरी ओर एक समाज से जुड़े लोग उन दंगों को याद कर सहम जाते हैं. हालात यहां तक हो गए थे कि रातों-रात डरे सहमे लोगों को सब कुछ छोड़ कर भागने को मजबूर होना पड़ा.

Intro:एंकर :-1984 मैं देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद पूरे देश में दंगे फैल गए थे दंगों की आग इतनी फैल गई थी कि इस आग ने धर्म नगरी हरिद्वार को भी अपनी चपेट में ले लिया था । यहां भी उन दोनों ने विकराल रूप ले लिया था जिसमें हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल संत पुरा आश्रम को आग के हवाले कर दिया गया आज इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जब भी आश्रम के संत और स्थानीय लोग इस घटना को याद करते हैं तब हम सहम जाते हैं ।


Body:vo 1 इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगो ने पूरे देश प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया था यह आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई इसकी तपिश हरिद्वार तक भी पहुंची हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम से जुड़े सिखों व संतों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा आश्रम के संत उस घटना को याद करके आज भी सहन जाते हैं वह बताते हैं कि उनके साथ मारपीट की गई साथ ही उनके आश्रम को आगजनी भी की गई आ गई आश्रम के गेट के साथ कई होटल और घरों में आग लगा दी गई साथ ही वहां लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया गया हरिद्वार में मौजूद सभी संतो और सिखों को जिंदा जलाने का प्रयास भी किया गया उस घटना के बाद आज तक किसी भी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई इसको लेकर आज भी आश्रम के संत आक्रोशित हो जाते हैं जब इस घटना को याद करते हैं।

vo 2 हरिद्वार के स्थानीय लोग आज भी उस मंजर को नहीं भूले किस तरह से उन दंगों ने एक विकराल रूप ले लिया था हरिद्वार के वरिष्ठ जन बताते हैं कि इंदिरा जी की हत्या के बाद वह भी घबरा गए ना जाने कौन लोग थे जो सिखों को टारगेट कर उन्हें मारने का प्रयास कर रहे थे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व गंगा सभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी का कहना है कि उन्होंने खुद अपने सभी साथियों के साथ मिलकर सिखों को बचाने का प्रयास किया वहीं हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार भी इस घटना को बयां करते हैं करते हुए बताते हैं कि किस तरह से सिखों को टारगेट किया गया और किस तरह सभी घटनाएं घटी।

f vo -आज इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पूरे देश भर में उनको याद किया जा रहा है लोग श्रद्धांजलि दे रहे हैं वहीं दूसरी और एक समाज से जुड़े लोग उन लोगों को याद करके सहन से जाते हैं दंगाइयों ने किस तरह से उनके साथ ऐसा बर्ताव किया हालात यह तक हो गए थे कि रातों-रात डरे सहमे लोगों को एक बार फिर से अपना सब कुछ छोड़ कर खाली हाथ यहां से भागने को मजबूर होना पड़ा ।


Conclusion:बाइट- महेंद्र सिंह पीड़ित
बाइट -मनजीत सिंह पीड़ित
बाइट -जगदीश सिंह संत निर्मल संत पुरा आश्रम हरिद्वार
बाइट -पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
बाइट- सुनील दत्त पांडे वरिष्ठ पत्रकार हरिद्वार
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