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कहां हैं सरकार के दावेः 'काटों' भरी डगर से गुजरेंगे शिव भक्त

कांवड़ मेला को लेकर प्रशासन के दावे अधूरे साबित हो रहे हैं. कांवड़ पटरी पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं.

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Published : Jul 15, 2019, 6:00 PM IST

कांवड़ यात्रा


रुड़कीः कांवड़ मेला शरू होने में गिने-चुने दिन ही बचे हैं. जिस रास्ते से कावड़िये गुजरेंगे उस पटरी की हालत बेहद खराब हो चुकी है, यानी कहा जा सकता है की इस बार भी प्रशासन ने कांवड़ पटरी को लेकर लापरवाही बरती है. रुड़की के मेवड़ से लेकर पिरान कलियर तक कांवड़ पटरी की हालत बेहद ही खराब दिखाई दे रही है.

कांवड़ यात्रा मार्ग पर गड्ढों की भरमार.

इस जगह कांवड़ पटरी पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. प्रशासन की ओर से इन गड्ढों को भरने का कार्य कराया गया था, लेकिन कार्य करने वालों ने शायद इतनी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया कि थोड़ी ही बारिश में इन गड्ढो में डाली गई बजरी बाहर निकलकर सड़क पर आ गई है, जो कांवड़ियों के लिए और ज्यादा मुसीबत बन गई है.

वहीं राजस्थान से आये कांवड़ियों ने कहा कि प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए अच्छी तैयारी नहीं की है. इस बजरी वाले रास्ते पर चलने से काफी दिक्कत हो रही है. रास्ते में कोई भी सुविधा दिखाई नहीं दी है. अभी तक कहीं पर भी पीने के पानी का प्याऊ नहीं दिखाई दिया है और ना ही कांवड़ रखने की कोई जगह बनाई गई है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड के 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, कई इलाकों में लोगों ने घर छोड़ा

दरअसल, आपको बता दें कि फिलहाल कांवड़ मेला पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है. लेकिन राजस्थान जैसे दूर के राज्यों से आये कांवड़िये सैकड़ों की संख्या में इस कांवड़ पटरी से गुजर रहे हैं. जिनको काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

चंद दिनों में ही इस पटरी पर कांवड़ियों की संख्या लाखों में हो जायेगी. अगर कांवड़ पटरी पर सुधार नहीं किया जाता है तो कांवड़ियों को सड़क पर पड़ी इन बजरियों से मिले घावों को झेलना पड़ेगा.


रुड़कीः कांवड़ मेला शरू होने में गिने-चुने दिन ही बचे हैं. जिस रास्ते से कावड़िये गुजरेंगे उस पटरी की हालत बेहद खराब हो चुकी है, यानी कहा जा सकता है की इस बार भी प्रशासन ने कांवड़ पटरी को लेकर लापरवाही बरती है. रुड़की के मेवड़ से लेकर पिरान कलियर तक कांवड़ पटरी की हालत बेहद ही खराब दिखाई दे रही है.

कांवड़ यात्रा मार्ग पर गड्ढों की भरमार.

इस जगह कांवड़ पटरी पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. प्रशासन की ओर से इन गड्ढों को भरने का कार्य कराया गया था, लेकिन कार्य करने वालों ने शायद इतनी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया कि थोड़ी ही बारिश में इन गड्ढो में डाली गई बजरी बाहर निकलकर सड़क पर आ गई है, जो कांवड़ियों के लिए और ज्यादा मुसीबत बन गई है.

वहीं राजस्थान से आये कांवड़ियों ने कहा कि प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए अच्छी तैयारी नहीं की है. इस बजरी वाले रास्ते पर चलने से काफी दिक्कत हो रही है. रास्ते में कोई भी सुविधा दिखाई नहीं दी है. अभी तक कहीं पर भी पीने के पानी का प्याऊ नहीं दिखाई दिया है और ना ही कांवड़ रखने की कोई जगह बनाई गई है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड के 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, कई इलाकों में लोगों ने घर छोड़ा

दरअसल, आपको बता दें कि फिलहाल कांवड़ मेला पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है. लेकिन राजस्थान जैसे दूर के राज्यों से आये कांवड़िये सैकड़ों की संख्या में इस कांवड़ पटरी से गुजर रहे हैं. जिनको काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

चंद दिनों में ही इस पटरी पर कांवड़ियों की संख्या लाखों में हो जायेगी. अगर कांवड़ पटरी पर सुधार नहीं किया जाता है तो कांवड़ियों को सड़क पर पड़ी इन बजरियों से मिले घावों को झेलना पड़ेगा.

Intro:गड्ढे करेंगे कावड़ियों का स्वागतBody:कावड़ मेला शरू होने में गिने चुने दिन ही बचे है जिस रास्ते से कावड़िये गुजरेंगे उस कावड़ पटरी की हालत बेहद खराब हो चुकी है यानी कहा जा सकता है की इस बार भी प्रशासन ने कावड़ पटरी को लेकर लापरवाही बरती है रुड़की के मेवड़ से लेकर पिरान कलियर तक कावड़ पटरी की हालत बेहद ही खराब दिखाई दे रही है इस जगह कावड़ पटरी पर बड़े बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे है प्रशासन की और से इन गड्ढो को भरने का कार्य कराया गया था लेकिन कार्य करने वाले शायद इतनी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया की थोड़ी ही बारिश में इन गड्ढो में डाली गई बजरी बाहर निकल कर सड़क पर आ गई जो कावड़ियों के लिए और ज्यादा मुसीबत बन गई है गड्ढो से बाहर निकली यह बजरी अब कावड़ियों के पैरो में घाव बनाने का काम कर रही है हैरानी की बात यह है की कोई भी अधिकारी इस पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है।

वहीं राजस्थान से आये कावड़ियों से हुई बातचीत में उन्होंने बताया की प्रशासन ने कावड़ियों के लिए अच्छी तैयारी नहीं की है इस बजरी वाले रास्ते पर चलने से काफी दिक्कत हो रही है रास्ते में कोई भी सुविधा दिखाई नहीं दी है अभी तक कहीं पर भी पीने के पानी का प्याऊ नहीं दिखाई दिया है और ना ही कावड़ रखने की कोई जगह बनाई गई है।

दरअसल आपको बता दे की फिलहाल कावड़ मेला पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है लेकिन राजस्थान जैसे दूर के राज्यों से आये कावड़िये सैकड़ो की संख्या में इस कावड़ पटरी से गुजर रहे है जिनको काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है चंद दिनों में ही इस पटरी पर कावड़ियों के संख्या लाखो में हो जायेगी अगर कावड़ पटरी में सुधार नहीं किया जाता है तो काफी कावड़ियों को सड़क पर पड़ी इन बजरियो से मिले घावों को झेलना पड़ेगा।

बाइट - कावड़िया -1,2
बाइट -नितिका खंडेलवाल (ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की)Conclusion:
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