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हरिद्वार: कृषि बिल के खिलाफ 'आप' ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

हरिद्वार में आम आदमी पार्टी ने कृषि बिलों का विरोध किया है. साथ ही कहा है कि इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होगा, उनकी उपज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा. ऐसे में किसान अपने ही खेत पर मजदूर बनकर रह जाएंगे.

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कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी.
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Published : Sep 24, 2020, 5:10 PM IST

हरिद्वार: कृषि बिल के विरोध में गुरुवार को आम आदमी पार्टी जिला सचिव एवं हरिद्वार विधानसभा प्रभारी अनिल सती के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि देश के किसानों और विपक्ष की आवाज को अनसुनी करके पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा और राजयसभा में तीन किसान विरोधी बिल पास किये हैं.

कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी.

उन्होंने कहा कि खासकर राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद असंवैधानिक तरीके से किसान विरोधी बिलों को पास किया गया, जिसको लेकर पूरे देश के किसानों में गुस्सा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी हैं, उनके लिए गुरुवार को हम पूरे देश में विरोध दिवस मना रहे हैं.

यह भी पढ़ें-सत्ता पक्ष की 'शिकायत' लेकर गवर्नर से मिले कांग्रेसी, सदन में मौका न मिलने से नाराज

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा कि किसानों के 25 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का भी पार्टी पूरा समर्थन देती है. केंद्र सरकार इन किसान विरोधी बिल के संबंध में जो भी बातें कह रही है वह किसानों को गुमराह करने वाली है. इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होगा, उनकी उपज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा. ऐसे में किसान अपने ही खेत पर मजदूर बनकर रह जाएंगे.

साथ ही बाजार पर सरकार का नियंत्रण खत्म हो जाएगा और कंपनी राज की स्थापना हो जाएगी. यही कारण है कि देशभर के किसान व किसान संगठन इन किसान विरोधी बिलों का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी किसानों के हित में इन किसान विरोधी बिलों को वापस लेने अपील करती है.

हरिद्वार: कृषि बिल के विरोध में गुरुवार को आम आदमी पार्टी जिला सचिव एवं हरिद्वार विधानसभा प्रभारी अनिल सती के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि देश के किसानों और विपक्ष की आवाज को अनसुनी करके पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा और राजयसभा में तीन किसान विरोधी बिल पास किये हैं.

कृषि बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी.

उन्होंने कहा कि खासकर राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद असंवैधानिक तरीके से किसान विरोधी बिलों को पास किया गया, जिसको लेकर पूरे देश के किसानों में गुस्सा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी हैं, उनके लिए गुरुवार को हम पूरे देश में विरोध दिवस मना रहे हैं.

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आम आदमी पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा कि किसानों के 25 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का भी पार्टी पूरा समर्थन देती है. केंद्र सरकार इन किसान विरोधी बिल के संबंध में जो भी बातें कह रही है वह किसानों को गुमराह करने वाली है. इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होगा, उनकी उपज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा. ऐसे में किसान अपने ही खेत पर मजदूर बनकर रह जाएंगे.

साथ ही बाजार पर सरकार का नियंत्रण खत्म हो जाएगा और कंपनी राज की स्थापना हो जाएगी. यही कारण है कि देशभर के किसान व किसान संगठन इन किसान विरोधी बिलों का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी किसानों के हित में इन किसान विरोधी बिलों को वापस लेने अपील करती है.

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