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IIT रुड़की ने बनाया विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट, जानें खासियत - IIT Professor Shailesh Ganpule designed a special helmet

आईआईटी रुड़की ने एक विशेष हेलमेट तैयार किया है. ये हेलमेट विस्फोट प्रतिरोधी है. ये जवानों के पारंपरिक हेलमेट की तुलना में ज्यादा बेहतर सुरक्षित है.

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IIT रुड़की के प्रोफेसर ने तैयार किया विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट
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Published : Jun 12, 2021, 4:51 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 9:11 PM IST

रुड़की: देश की नामचीन संस्थान आईआईटी रुड़की के औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने एक अनोखा हेलमेट डिजाइन किया है. ये हेलमेट विस्फोट प्रतिरोधक क्षमता को झेलने में कारगर साबित होगा. ये हेलमेट आतंकवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है. प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) धमाकों से ये हेलमेट सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते. वजह यह है कि इनमें सिर और हेलमेट की ऊपरी परत के बीच खाली जगह रहती है. धमाके से उठने वाली तरंगों के कारण सिर को इन तरंगों से नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन आईआईटी द्वारा तैयार किया गया ये हेलमेट पूरी तरह से सुरक्षित है. बता दें रुड़की में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने ये हेलमेट तैयार किया गया है.

IIT रुड़की ने बनाया विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट.

पढ़ें- रामशरण नौटियाल की नवीन चकराता की परिकल्पना अधूरी, जल्द करेंगे CM से मुलाकात

ये हेलमेट आईआईटी के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने तैयार किया है. विस्फोट प्रतिरोधी यह हेलमेट जवानों के पारंपरिक हेलमेट की तुलना में ज्यादा बेहतर सुरक्षित है. आईआईटी रुड़की के यांत्रिक और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि यह पारंपरिक हेलमेट का ही उन्नत संस्करण है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं, जो विस्फोटक धमाकों से सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते.

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विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट.

पढ़ें- कोरोनाकाल में अनजान लोगों की टीम बनी 'मददगार'

इसलिए तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए इस हेलमेट को तैयार किया गया है. उन्होंने बताया इस हेलमेट को तैयार करने में करीब तीन साल का वक्त लगा है. इसकी कीमत 500 से एक हजार रुपए तक रखी गई है. प्रो. गणपुले ने बताया कि इससे बचने के लिए उन्होंने हेलमेट की ऊपरी परत पर एक खास तरह का पैड लगाया गया है. यह पैड विस्फोट से उठने वाली तरंगों को रोकने का काम करता है. इसके अलावा चेहरे की सुरक्षा के लिए इस हेलमेट पर एक विशेष फेस शील्ड भी लगाई गई है.

ये भी पढ़ें: एसटीएफ ने किया 250 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश

इसे ग्रेन्युलर (दानेदार) मैटीरियल से तैयार किया गया है. विस्फोट की तरंगों से इस फेस शील्ड को बेहद कम क्षति पहुंचती है. इससे चेहरा भी सुरक्षित रहता है. उन्होंने बताया आतंकवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए ये हेलमेट काफी फायदेमंद साबित होगा.

रुड़की: देश की नामचीन संस्थान आईआईटी रुड़की के औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने एक अनोखा हेलमेट डिजाइन किया है. ये हेलमेट विस्फोट प्रतिरोधक क्षमता को झेलने में कारगर साबित होगा. ये हेलमेट आतंकवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है. प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) धमाकों से ये हेलमेट सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते. वजह यह है कि इनमें सिर और हेलमेट की ऊपरी परत के बीच खाली जगह रहती है. धमाके से उठने वाली तरंगों के कारण सिर को इन तरंगों से नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन आईआईटी द्वारा तैयार किया गया ये हेलमेट पूरी तरह से सुरक्षित है. बता दें रुड़की में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने ये हेलमेट तैयार किया गया है.

IIT रुड़की ने बनाया विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट.

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ये हेलमेट आईआईटी के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने तैयार किया है. विस्फोट प्रतिरोधी यह हेलमेट जवानों के पारंपरिक हेलमेट की तुलना में ज्यादा बेहतर सुरक्षित है. आईआईटी रुड़की के यांत्रिक और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने बताया कि यह पारंपरिक हेलमेट का ही उन्नत संस्करण है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर गोली से सुरक्षा के लिए डिजाइन किए जाते हैं, जो विस्फोटक धमाकों से सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते.

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विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट.

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इसलिए तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए इस हेलमेट को तैयार किया गया है. उन्होंने बताया इस हेलमेट को तैयार करने में करीब तीन साल का वक्त लगा है. इसकी कीमत 500 से एक हजार रुपए तक रखी गई है. प्रो. गणपुले ने बताया कि इससे बचने के लिए उन्होंने हेलमेट की ऊपरी परत पर एक खास तरह का पैड लगाया गया है. यह पैड विस्फोट से उठने वाली तरंगों को रोकने का काम करता है. इसके अलावा चेहरे की सुरक्षा के लिए इस हेलमेट पर एक विशेष फेस शील्ड भी लगाई गई है.

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इसे ग्रेन्युलर (दानेदार) मैटीरियल से तैयार किया गया है. विस्फोट की तरंगों से इस फेस शील्ड को बेहद कम क्षति पहुंचती है. इससे चेहरा भी सुरक्षित रहता है. उन्होंने बताया आतंकवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए ये हेलमेट काफी फायदेमंद साबित होगा.

Last Updated : Jun 12, 2021, 9:11 PM IST
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