हरिद्वार: हंसी को आप जानते ही होंगे जिसकी कहानी ईटीवी भारत ने आप तक पहुंचाई थी. जो पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी सड़कों पर भीख मांग रही थी. अभी भी हंसी की वही हालत है. इतनी ठंड में भी वह अपने बच्चे के साथ उसी तरह का जीवन जीने को मजबूर है जिस तरह पहले जिया करती थी. आज भी उन्हीं सड़कों पर रहने को मजबूर है. हालांकि सरकार ने उसकी मदद की थी, जिसे उसने ठुकरा दिया था. शुक्रवार को हंसी अचानक हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा से मिलने पहुंच गयीं.
पढ़ें- हंसी ने सबको दिया सहारा, जानिए खुद कैसे हो गई बेसहारा, भाई ने बताई वजह
दरअसल, हंसी को हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा ने अपने बेटे की शादी में बुलाया था. बेटे की शादी की बधाई और शगुन देने के लिए हंसी शुक्रवार को हरिद्वार नगर निगम में मेयर कार्यालय पहुंचीं. हंसी ने अपनी सामर्थ्य अनुसार बेटे की शादी का शगुन मेयर को 100 रुपए दिए और उन्हें उनका वादा याद दिलाया.
पढ़ें- गायब हुए अधिकारी, नेता और समाजसेवी, सड़कों पर फिर लौटीं 'प्रहरी'
बता दें कि हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा ने हंसी प्रहरी को स्थाई निवास देने का वादा किया था. हंसी को मेयर अनीता शर्मा ने हरिद्वार निगम के पांडेवाला में खाली पड़े फ्लैट भी दिखाए थे और जल्द ही इस मामले को बोर्ड में रखने की बात कही थी. साथ ही हंसी को निवास देने के संबंध में मेयर अनीता शर्मा ने मुख्य नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा था. लेकिन अब तक हंसी को अपना घर नहीं मिल पाया है.
पढ़ें- खबर का असर : अपनों से मिलीं हंसी, भाई आनंद ने की मुलाकात
जानकारी के लिए बता दें कि हंसी कुमाऊं विश्वविद्यालय से डबल एमए हैं. किन्हीं कारणों से वह हरिद्वार में खानाबदोश का जीवन व्यतीत कर रही हैं. ईटीवी भारत की खबर से चर्चा में आने के बाद हंसी की मदद के लिए सरकार समेत कई सामाजिक संगठन आगे आए थे. लेकिन हंसी ने अभी तक स्वाभिमान और अध्यात्म का हवाला देकर किसी तरह की मदद नहीं ली है.
पढ़ें- सड़क पर जीवन की 'हंसी' ढूंढ रही पूर्व यूनियन वाइस प्रेसिडेंट
वहीं अब मेयर अनीता शर्मा का कहना है कि उनके द्वारा लगातार हंसी को उसका घर दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं. वे हंसी के संपर्क में है. वो निजी तौर पर हंसी की जितनी मदद कर सकती हैं कर रही हैं. आने वाली बोर्ड बैठक में हंसी को बुलाकर उसको घर जल्द से जल्द घर दिलाने की कोशिश की जाएगी.