हरिद्वार: यूं तो विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर प्रतिदिन होने वाली मां गंगा की भव्य आरती देश-विदेश में प्रसिद्ध है. लेकिन इससे जुड़ी आस्था शायद ही कोई जनता हो. आज Etv Bharat की टीम आपको बताने जा रही है गंगा आरती से जुड़ी एक अद्भुत कहानी के बारे में, जिसे सुनकर आपकी गंगा के प्रति आस्था और बढ़ जाएगी.
हरकी पैड़ी पर होने वाली यह गंगा आरती आज-कल से नहीं बल्कि युगों-युगों से चली आ रही है. मान्यता है कि हरकी पैड़ी पर मां गंगा की भव्य आरती सबसे पहले स्वयं ब्रह्मा भगवान ने अपने हाथों से की थी. यहां होने वाली गंगा आरती सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और अब कलयुग में भी जारी है.
पौराणिक काल से हो रही इस गंगा आरती को व्यवस्थित स्वरूप देने का श्रेय जाता है श्री गंगा सभा के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को. जिन्होंने साल 1916 में श्री गंगा सभा के निर्माण के बाद स्वयं अपने हाथों से गंगा आरती की थी. तब से लेकर आज तक बिना 1 दिन भी रुके हरकी पैड़ी घाट पर गंगा आरती की जा रही है.
बता दें, ब्रह्मकुंड पर प्रतिदिन सुबह मां गंगा की मंगला आरती और संध्याकालीन मां गंगा की श्रृंगार आरती का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही आरती के दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से मां गंगा की स्वच्छता का विशेष संकल्प भी दिलवाया जाता है.