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सबसे पहले ब्रह्मा ने की थी मां गंगा की आरती, और भी रहस्य जानकार हो जाएंगे हैरान

हरकी पैड़ी पर होने वाली यह गंगा आरती आज-कल से नहीं बल्कि युगों-युगों से चली आ रही है. मान्यता है कि हरकी पैड़ी पर मां गंगा की भव्य आरती सबसे पहले स्वयं ब्रह्मा भगवान ने अपने हाथों से की थी.

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Published : Apr 21, 2019, 5:30 PM IST

Updated : Apr 21, 2019, 6:13 PM IST

सबसे पहले ब्रह्मा ने की थी मां गंगा की आरती

हरिद्वार: यूं तो विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर प्रतिदिन होने वाली मां गंगा की भव्य आरती देश-विदेश में प्रसिद्ध है. लेकिन इससे जुड़ी आस्था शायद ही कोई जनता हो. आज Etv Bharat की टीम आपको बताने जा रही है गंगा आरती से जुड़ी एक अद्भुत कहानी के बारे में, जिसे सुनकर आपकी गंगा के प्रति आस्था और बढ़ जाएगी.

पढ़ें- शर्मनाकः गर्भवती महिला दो दिनों तक '108' के इंतजार में तड़पती रही, तेल न मिलने के कारण कर्मचारियों ने किए हाथ खड़े

हरकी पैड़ी पर होने वाली यह गंगा आरती आज-कल से नहीं बल्कि युगों-युगों से चली आ रही है. मान्यता है कि हरकी पैड़ी पर मां गंगा की भव्य आरती सबसे पहले स्वयं ब्रह्मा भगवान ने अपने हाथों से की थी. यहां होने वाली गंगा आरती सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और अब कलयुग में भी जारी है.

पौराणिक काल से हो रही इस गंगा आरती को व्यवस्थित स्वरूप देने का श्रेय जाता है श्री गंगा सभा के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को. जिन्होंने साल 1916 में श्री गंगा सभा के निर्माण के बाद स्वयं अपने हाथों से गंगा आरती की थी. तब से लेकर आज तक बिना 1 दिन भी रुके हरकी पैड़ी घाट पर गंगा आरती की जा रही है.

बता दें, ब्रह्मकुंड पर प्रतिदिन सुबह मां गंगा की मंगला आरती और संध्याकालीन मां गंगा की श्रृंगार आरती का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही आरती के दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से मां गंगा की स्वच्छता का विशेष संकल्प भी दिलवाया जाता है.

हरिद्वार: यूं तो विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर प्रतिदिन होने वाली मां गंगा की भव्य आरती देश-विदेश में प्रसिद्ध है. लेकिन इससे जुड़ी आस्था शायद ही कोई जनता हो. आज Etv Bharat की टीम आपको बताने जा रही है गंगा आरती से जुड़ी एक अद्भुत कहानी के बारे में, जिसे सुनकर आपकी गंगा के प्रति आस्था और बढ़ जाएगी.

पढ़ें- शर्मनाकः गर्भवती महिला दो दिनों तक '108' के इंतजार में तड़पती रही, तेल न मिलने के कारण कर्मचारियों ने किए हाथ खड़े

हरकी पैड़ी पर होने वाली यह गंगा आरती आज-कल से नहीं बल्कि युगों-युगों से चली आ रही है. मान्यता है कि हरकी पैड़ी पर मां गंगा की भव्य आरती सबसे पहले स्वयं ब्रह्मा भगवान ने अपने हाथों से की थी. यहां होने वाली गंगा आरती सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और अब कलयुग में भी जारी है.

पौराणिक काल से हो रही इस गंगा आरती को व्यवस्थित स्वरूप देने का श्रेय जाता है श्री गंगा सभा के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को. जिन्होंने साल 1916 में श्री गंगा सभा के निर्माण के बाद स्वयं अपने हाथों से गंगा आरती की थी. तब से लेकर आज तक बिना 1 दिन भी रुके हरकी पैड़ी घाट पर गंगा आरती की जा रही है.

बता दें, ब्रह्मकुंड पर प्रतिदिन सुबह मां गंगा की मंगला आरती और संध्याकालीन मां गंगा की श्रृंगार आरती का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही आरती के दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से मां गंगा की स्वच्छता का विशेष संकल्प भी दिलवाया जाता है.

Intro:एंकर- देश-विदेश से लाखों की संख्या में धर्म नगरी हरिद्वार के विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी घाट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन हरकी पौड़ी पर होने वाली मां गंगा की भव्य आरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। प्रतिदिन मां गंगा की भव्य आरती देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं। ईटीवी भारत आज आपको बताने जा रहा है हरिद्वार के हरकी पौड़ी पर होने वाली मां गंगा की भव्य आरती से जुड़ी अद्भुत कहानी। हरकी पौड़ी पर होने वाली यह गंगा आरती आज कल से नहीं बल्कि विगत कई हजार सालों से चली आ रही है।


Body:VO- ऐसी मान्यता है कि हरकी पौड़ी पर सर्वप्रथम मां गंगा की भव्य आरती स्वयं भगवान ब्रह्मा ने अपने हाथों से की थी, ऐसा माना जाता है यहाँ होने वाली गंगा आरती सतयुग से शुरू होकर द्वापरयुग, त्रेतायुग के बाद आज कलयुग में भी जारी है, पौराणिक काल से हो रही इस गंगा आरती को व्यवस्थित स्वरूप देने का श्रेय जाता है श्री गंगा सभा के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को जिन्होंने वर्ष 1916 में श्री गंगा सभा के निर्माण के बाद स्वयं अपने हाथों से गंगा आरती की थी। तबसे आज तक बिना 1 दिन भी रुके हरिद्वार के विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी घाट के दिव्य ब्रह्मकुंड पर प्रतिदिन नियम से सुबह मां गंगा की मंगला आरती और संध्याकालीन मां गंगा की श्रृंगार आरती का आयोजन किया जाता है। यही नहीं माँ गंगा की भव्य आरती के बाद आरती के दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से मां गंगा की स्वच्छता का विशेष संकल्प दिलवाया जाता है।


Conclusion:बाइट- प्रदीप झा, अध्यक्ष, श्री गंगा सभा

बाइट- पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी, पूर्व अध्यक्ष, श्री गंगा सभा

पीटीसी

विसुअल
Last Updated : Apr 21, 2019, 6:13 PM IST
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