हरिद्वार: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत सोमवार के एक बार फिर कांग्रेसी विधायकों को ज्ञान देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी करनी और कथनी में जो अंतर पैदा कर रही है उसका लाभ कांग्रेसियों को उठाना चाहिए. कांग्रेस को सरकार की नाकामियों को जनात के बीच लेकर जाना चाहिए.
सोमवार को हरीश रावत राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर को संबोधित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को आम जनमानस के घर-घर पहुंच कर सरकार की नाकामियों को बताना चाहिए.
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वहीं श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हरीश रावत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि श्राइन बोर्ड बनाने से पहले राज्य सरकार को मठ व मंदिरों के प्रबंधकों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए थी. लेकिन राज्य सरकार तो सारे मठ मंदिरों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बैठाकर बीजेपी का नेतृत्व ही दर्शाना चाहती है, जो उचित नहीं है.
रावत ने कहा कि सरकार कहती है कि वैष्णो देवी और तिरुपति की तर्ज पर चारधाम श्राइन बोर्ड होगा. लेकिन वहां और यहां की परिस्थिति में काफी अंतर है. यहां के मंदिरों में श्रद्धालुओं को लाने का कार्य तीर्थ पुरोहित करते हैं. नफे नुकसान का आकलन किए बिना सरकार ने श्राइन बोर्ड के गठन करने की घोषणा कर दी जो सही नहीं है. सरकार मठ और मंदिरों को अपने अधिकार में लेना चाहती है. बीजेपी के दिखाने और खाने के दांत अलग-अलग हैं.