ETV Bharat / state

कांग्रेसियों को हरदा का ज्ञान, बीजेपी की करनी और कथनी के अंतर का उठाएं लाभ

श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हरीश रावत ने एक बार फिर सरकार को घेरा है. हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने विधायकों को कुछ नसीहत भी दी है.

harish rawat
harish rawat
author img

By

Published : Dec 9, 2019, 11:06 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 11:30 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत सोमवार के एक बार फिर कांग्रेसी विधायकों को ज्ञान देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी करनी और कथनी में जो अंतर पैदा कर रही है उसका लाभ कांग्रेसियों को उठाना चाहिए. कांग्रेस को सरकार की नाकामियों को जनात के बीच लेकर जाना चाहिए.

सोमवार को हरीश रावत राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर को संबोधित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को आम जनमानस के घर-घर पहुंच कर सरकार की नाकामियों को बताना चाहिए.

हरदा ने सरकार को घेरा.

पढ़ें- शीतकालीन सत्रः स्पीकर ने सदस्योे के बर्ताव पर चिंता जतायी

वहीं श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हरीश रावत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि श्राइन बोर्ड बनाने से पहले राज्य सरकार को मठ व मंदिरों के प्रबंधकों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए थी. लेकिन राज्य सरकार तो सारे मठ मंदिरों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बैठाकर बीजेपी का नेतृत्व ही दर्शाना चाहती है, जो उचित नहीं है.

रावत ने कहा कि सरकार कहती है कि वैष्णो देवी और तिरुपति की तर्ज पर चारधाम श्राइन बोर्ड होगा. लेकिन वहां और यहां की परिस्थिति में काफी अंतर है. यहां के मंदिरों में श्रद्धालुओं को लाने का कार्य तीर्थ पुरोहित करते हैं. नफे नुकसान का आकलन किए बिना सरकार ने श्राइन बोर्ड के गठन करने की घोषणा कर दी जो सही नहीं है. सरकार मठ और मंदिरों को अपने अधिकार में लेना चाहती है. बीजेपी के दिखाने और खाने के दांत अलग-अलग हैं.

हरिद्वार: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत सोमवार के एक बार फिर कांग्रेसी विधायकों को ज्ञान देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी करनी और कथनी में जो अंतर पैदा कर रही है उसका लाभ कांग्रेसियों को उठाना चाहिए. कांग्रेस को सरकार की नाकामियों को जनात के बीच लेकर जाना चाहिए.

सोमवार को हरीश रावत राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर को संबोधित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को आम जनमानस के घर-घर पहुंच कर सरकार की नाकामियों को बताना चाहिए.

हरदा ने सरकार को घेरा.

पढ़ें- शीतकालीन सत्रः स्पीकर ने सदस्योे के बर्ताव पर चिंता जतायी

वहीं श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हरीश रावत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि श्राइन बोर्ड बनाने से पहले राज्य सरकार को मठ व मंदिरों के प्रबंधकों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए थी. लेकिन राज्य सरकार तो सारे मठ मंदिरों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बैठाकर बीजेपी का नेतृत्व ही दर्शाना चाहती है, जो उचित नहीं है.

रावत ने कहा कि सरकार कहती है कि वैष्णो देवी और तिरुपति की तर्ज पर चारधाम श्राइन बोर्ड होगा. लेकिन वहां और यहां की परिस्थिति में काफी अंतर है. यहां के मंदिरों में श्रद्धालुओं को लाने का कार्य तीर्थ पुरोहित करते हैं. नफे नुकसान का आकलन किए बिना सरकार ने श्राइन बोर्ड के गठन करने की घोषणा कर दी जो सही नहीं है. सरकार मठ और मंदिरों को अपने अधिकार में लेना चाहती है. बीजेपी के दिखाने और खाने के दांत अलग-अलग हैं.

Intro:एंकर :-उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर को संबोधित करने के लिए हरिद्वार स्थित जयराम आश्रम पहुंचे शिविर में मौजूद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं नेताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा के उत्तराखंड में बीजेपी अपनी करनी और कथनी में जो अंतर पैदा कर रही है उसका लाभ कांग्रेसियों को उठाना चाहिए और कांग्रेसियों को आम जनमानस के घर घर पहुंच कर  जनता के बीच जाकर सरकार की नाकामीयो  को  बताना चाहिए हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को अधिग्रहित कर श्राइन बोर्ड बनाने की घोषणा पर बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार को चाहिए था कि वह पहले मठ मंदिरों के  प्रबंधको से   बैठकर बात करती उसके बाद कोई निर्णय लिया जाता लेकिन राज्य सरकार तो  सारे मठ मंदिरों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बिठाकर बीजेपी का नेतृत्व ही दर्शाना चाहती है जो कि उचित नहीं है.Body:VO 1  पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा  की उत्तराखंड सरकार  एक तरफा बिना बातचीत किए श्राइन बोर्ड बना रही है श्राइन बोर्ड किस बात के लिए बनाया जा रहा है.  उत्तराखंड सरकार का कहना है   कि वैष्णो देवी और तिरुपति में भी श्राइन बोर्ड है लेकिन वहां और यहां की परिस्थिति में काफी अंतर है यहां के मंदिरों में श्रद्धालुओं को लाने का कार्य तीर्थ पुरोहित करते हैं। नफे नुकसान का आकलन किए बिना सरकार ने  साइन बोर्ड के गठन करने की घोषणा कर दी जो कि उचित नहीं है हरीश रावत ने कहा कि सारे मठ मंदिरों को मुख्यमंत्री अपने चंगुल में लेना चाहते हैं ताकि वहां से भाजपा  की दीक्षा हो  सके हरीश रावत ने यह भी कहा कि बीजेपी के खाने के दांत और हैं और दिखाने के और.Conclusion:बाइट हरीश रावत (पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड )
Last Updated : Dec 9, 2019, 11:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.