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साल 2004 में एनडी तिवारी सरकार ने दी थी पहचान, आज कुंभ स्तंभ पर कोई नहीं दे रहा ध्यान

अलकनंदा घाट पर साल 2004 में बना कुंभ स्तंभ देखभाल नहीं होने के चलते बदहाल बना हुआ है. प्रशासन की ओर से कुंभ स्तंभ का रखरखाव नहीं किया जा रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने प्रशासन से कुंभ स्तंभ का जीर्णोद्धार करने की मांग की है.

Haridwar Kumbh Pillar
हरिद्वार कुंभ स्तंभ
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Published : Jul 1, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 4:30 PM IST

हरिद्वार: साल 2021 में कुंभ का आयोजन होना है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरत रही है. हालांकि, कोरोना के कारण कुंभ की क्या रूपरेखा रहेगी अभी यह एक सवाल ही बना हुआ है ? लेकिन कुंभ मेला प्रशासन लगातार तैयारियां करने में जुटा है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि कुंभ मेला प्रशासन नए कार्यों पर तो ध्यान दे रहा है, मगर इससे पहले हुए कुंभ में निर्माणों पर मेला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.

इसका एक उदाहरण हरिद्वार के अलकनंदा घाट के पास बना कुंभ स्तंभ है, जो कि साल 2004 में हुए अर्ध कुंभ में आए विश्व भर के श्रद्धालुओं को नारायण दत्त तिवारी सरकार ने समर्पित किया था, जिसकी अब कोई ना तो देखभाल करने वाला है और न ही कोई उसकी सुध लेने वाला. 2004 में बना यह कुंभ स्तंभ अब अपने दोबारा से पुनरुद्धार होने की आस देख रहा है.

कुंभ स्तंभ पर कोई नहीं दे रहा ध्यान.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अमरीश कुमार का कहना है कि इस कुंभ स्तंभ का शिलान्यास उत्तराखंड (उत्तरांचल) के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी द्वारा किया गया था. यह साल 2004 में आए विश्व और भारत के श्रद्धालुओं को समर्पित किया गया था, लेकिन वर्तमान में इसकी हालात काफी दयनीय है. कुंभ मेला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. मेला प्रशासन केवल और केवल नए कार्यों में लगा हुआ है, लेकिन पुरानी धरोहर पर कोई ध्यान नहीं है.

पढ़ें- गोल्डन बाबा का दिल्ली एम्स में निधन, तीन किलो सोना पहनकर हुए थे चर्चित

वहीं, स्थानीय पार्षद अमन गर्ग का कहना है कि आए दिन यहां पर भिखारी आदि बैठे रहते हैं, जिससे यहां पर गंदगी भी होती है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

हरिद्वार: साल 2021 में कुंभ का आयोजन होना है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरत रही है. हालांकि, कोरोना के कारण कुंभ की क्या रूपरेखा रहेगी अभी यह एक सवाल ही बना हुआ है ? लेकिन कुंभ मेला प्रशासन लगातार तैयारियां करने में जुटा है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि कुंभ मेला प्रशासन नए कार्यों पर तो ध्यान दे रहा है, मगर इससे पहले हुए कुंभ में निर्माणों पर मेला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.

इसका एक उदाहरण हरिद्वार के अलकनंदा घाट के पास बना कुंभ स्तंभ है, जो कि साल 2004 में हुए अर्ध कुंभ में आए विश्व भर के श्रद्धालुओं को नारायण दत्त तिवारी सरकार ने समर्पित किया था, जिसकी अब कोई ना तो देखभाल करने वाला है और न ही कोई उसकी सुध लेने वाला. 2004 में बना यह कुंभ स्तंभ अब अपने दोबारा से पुनरुद्धार होने की आस देख रहा है.

कुंभ स्तंभ पर कोई नहीं दे रहा ध्यान.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अमरीश कुमार का कहना है कि इस कुंभ स्तंभ का शिलान्यास उत्तराखंड (उत्तरांचल) के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी द्वारा किया गया था. यह साल 2004 में आए विश्व और भारत के श्रद्धालुओं को समर्पित किया गया था, लेकिन वर्तमान में इसकी हालात काफी दयनीय है. कुंभ मेला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. मेला प्रशासन केवल और केवल नए कार्यों में लगा हुआ है, लेकिन पुरानी धरोहर पर कोई ध्यान नहीं है.

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वहीं, स्थानीय पार्षद अमन गर्ग का कहना है कि आए दिन यहां पर भिखारी आदि बैठे रहते हैं, जिससे यहां पर गंदगी भी होती है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 4:30 PM IST
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