हरिद्वार: उत्तराखंड में होने वाली चारधाम यात्रा में एक बार फिर से गैर हिंदुओं के शामिल न होने का मामला उठने लगा है. हनुमान जन्मोत्सव के दौरान हरिद्वार के भगवानपुर के जलालपुर और दिल्ली जहांगीरपुरी में शोभायात्रा पर हुए हमले के बाद संत समाज ने ये मांग की है. संत समाज ने चारधाम यात्रा में गैर हिंदुओं के जाने पर रोक लगाने की पुरजोर तरीके से मांग की है.
संतों ने मांग है कि उत्तराखंड में अगर गैर हिंदुओं का प्रवेश व खासकर एक संप्रदाय विशेष के लोग प्रवेश करेंगे तो यहां भी दिल्ली और भगवानपुर जैसी स्थितियां पैदा होंगी, जिसे संभालना मुश्किल हो जाएगा. जिसके लिए उत्तराखंड चारधाम यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है. शोभायात्रा में हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने घटना की घोर निंदा की है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि हनुमान जन्मोत्सव पर हुई घटना पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व नवरात्रों के दौरान मध्यप्रदेश में भी इसी तरह की घटना घटित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि वो हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी और हरिद्वार के भगवानपुर में हुई घटना की घोर निंदा करते हैं. सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि दंगाइयों की कोई जाति नहीं होती है. उन्होंने कहा कि हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर जिस तरह की घटना घटित हुई है, अगर ऐसी घटनाओं को रोकना है तो चारधाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोकना होगा.
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हरिद्वार के शांभवी आश्रम के संत आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की गई है कि उत्तराखंड को देवालय घोषित किया जाए और यहां गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पूर्णतया रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा दिल्ली के जहांगीरपुरी और भगवानपुर में हुई इस प्रकार का हमला होना गृह मंत्रालय और पीएम मोदी पर सवालिया निशान है कि आप के नाक के नीचे इतना बड़ा हमला हो जाता है और उनका कुछ भी नहीं होता है. उन्होंने प्रदेश सरकार से नोटिफिकेशन जारी कर उत्तराखंड और चार धामों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की है.