हरिद्वार: कांवड़ मेले के दौरान ज्वालापुर क्षेत्र के बड़े ज्वैलर्स में शुमार मोरा तारा के मालिक पर पहले कातिलाना हमला और फिर उनसे ₹50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में हरिद्वार पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास से आपराधिक वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किए गए असलहे व मोबाइल भी बरामद किए गये हैं.
पकड़े गए आरोपियों का संबंध किसी बड़े गिरोह से तो नहीं, लेकिन इस गिरोह में पढ़े-लिखे लोग जरूर शामिल हैं. इसका खुलासा करने में कोतवाली ज्वालापुर एसओजी और साइबर सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पकड़े गए सभी आरोपी नहटोर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.
ये है पूरा घटनाक्रम: बीती 26 जुलाई की रात मोरा तारा ज्वैलर्स के मालिक निपुण मित्तल शोरूम को बंद कर घर वापस लौट रहे थे. सड़क पर कांवड़ियों की भीड़ होने के कारण वो दोपहिया वाहन से ही घर के लिए निकले. अभी वो दुकान से कुछ दूर ही निकले थे कि पीछे से तेज गति से बाइक पर दो युवक उनसे आगे निकले. उन्हें उन दोनों पर शक भी हुआ. लेकिन भीड़ होने के कारण उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया.
निपुण मित्तल को मारी गई गोली लैपटॉप में फंसी: अगले दिन सुबह जब उन्होंने अपना लैपटॉप देखा तो उसमें गोली फंसी हुई थी. दरअसल, घर आते हुए निपुण मित्तल ने अपने लैपटॉप को साइड पर टांगा हुआ था. इस मामले की जानकारी उन्होंने तत्काल कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को दी. पुलिस गोली लगने के कारणों का पता ही कर रही थी कि 27 जुलाई की रात निपुण से फोन पर ₹50 लाख की रंगदारी मांगी गई. अज्ञात व्यक्ति ने खुद को सुनील राठी का आदमी बताते हुए फिरौती की मांग की और पैसा न देने पर अंजाम भुगतने को कहा.
इस बात की सूचना भी निपुण ने कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी हरिद्वार डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कोतवाली ज्वालापुर एसओजी और साइबर सेल को इस घटना के खुलासे के पीछे लगाया. तीनों टीमें संयुक्त रूप से इन अपराधियों की धरपकड़ में जुट गईं.
प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को इस बात का पता चला था कि यह गिरोह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संबंधित है. इसी बीच एसओजी ने 4 अगस्त को बदमाशों की लोकेशन हरिद्वार में ट्रेस की. पता चला कि इनकी लोकेशन मोरा तारा ज्वैलर्स शोरूम के आसपास ही है, जिसके बाद टीम ने इन पांचों आरोपियों को धर दबोचा. इनके पास से पुलिस को एक पिस्टल, दो तमंचे और काफी संख्या में कारतूस बरामद हुए हैं. पुलिस ने इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली एक कार व स्कूटी भी बरामद की है.
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दरअसल, शोरूम मालिक द्वारा पुलिस को जानकारी देने से बौखलाए आरोपियों ने 4 अगस्त को निपुण मित्तल की हत्या करने का प्लान बनाया था. ये पांचों दोपहर से ही निपुण की रेकी कर रहे थे और रात को दुकान बंद होने के बाद हत्या का प्लान था. लेकिन एसओजी ने इनका प्लॉन ध्वस्त कर दिया.
एसओजी-सीसीटीवी की अहम भूमिका: मोरा तारा ज्वैलर्स मालिक पर चली गोली और रंगदारी मांगने वालों तक पहुंचने में एसओजी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही. वहीं, जब पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो पता चला कि कांवड़ियों की भीड़ के बीच एक कार और स्कूटी में बैठे पांच लोगों ने निपुण मित्तल का पीछा किया था. इन्हीं कैमरों की मदद से पुलिस फरार हुए बदमाशों का पता लगाने में काफी हद तक कामयाब रही.
लालच ने बनाया अपराधी: कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच ने इन सभी लोगों को जुर्म की दुनिया में धकेल दिया. इस गिरोह का मास्टरमाइंड प्रदीप चौहान पहले से ही पढ़ा लिखा होने के बावजूद आपराधिक प्रवृत्ति का था. उसी ने बाकी चारों को भी अपने साथ जोड़कर इस वारदात को अंजाम दिया था.
ये हैं आरोपी: प्रदीप चौहान (पुत्र सुरेश सिंह निवासी नहटोर बिजनौर यूपी), सचिन प्रजापति (पुत्र पंकज कुमार निवासी नहटोर बिजनौर यूपी), कौशल कुमार (पुत्र महेंद्र सिंह निवासी नहटोर बिजनौर), अरुण कुमार (पुत्र रणवीर सिंह निवासी नहटोर बिजनौर) और अंशुल कुमार (पुत्र चंद्रपाल निवासी नहटोर बिजनौर, उत्तर प्रदेश).
क्या कहते हैं एसएसपी: एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कांवड़ के अंतिम दिनों में मोरा तारा ज्वैलर्स के मालिक पर पहले गोली चलाई गई और फिर इनसे भारी फिरौती की मांग फोन पर की गई थी. फिरौती जेल में बंद एक कुख्यात अपराधी के नाम पर मांगी गई थी. इस शोरूम पर पहले भी डकैती पड़ चुकी है. इसलिए पुलिस के सामने जांच के लिए कई एंगल थे. पकड़े गए इस गैंग का मास्टरमाइंड काफी पढ़ा लिखा है. पहले भी वह न केवल बैंक में काम कर चुका है, बल्कि जेल भी जा चुका है. पुलिस चैनल पर इस मामले में काम कर रही थी ग्राउंड वर्क के साथ सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से खंगाला गया. अंततः पुलिस टीम ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इस मामले में कोतवाली ज्वालापुर पुलिस के साथ सीआईयू ने काफी अच्छा काम किया है. इस घटना के अनावरण के लिए 4 टीमों को लगाया गया था जो अलग-अलग प्रदेशों के शहरों में जाकर आरोपियों की तलाश कर रही थी. बदमाशों को पकड़ने वाली टीम को ₹25,000 के इनाम की घोषणा की गई है. पकड़े गए सभी आरोपी यूपी के बिजनौर जनपद के रहने वाले हैं.