हरिद्वार: प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बारिश और बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में साफ तौर से देखने को मिल रहा है. प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी रात को तापमान न्यूनतम स्तर पर पहुंच रहा है. बात अगर हरिद्वार की करें तो यहां भी बढ़ती ठंड ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बाहर से आने वाले यात्रियों और खुले में रात गुजारने वाले लोगों को हो रही है. बढ़ती ठंड से निपटने के लिए नगर निगम द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर भी लोगों में नाराजगी है. जबकि, निगम का कहना है कि इनके द्वारा पहले ही सब तरह की व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं.
धर्मनगरी होने की वजह से यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, मगर पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी और निचले इलाकों में कोहरे की वजह से हरिद्वार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. गरीब लोगों के लिए और बाहर से आने वाले यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए नगर निगम द्वारा बस अड्डा, रेलवे स्टेशन और आसपास के तमाम क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था की जाती है. मगर, इस बार नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं. इस बार कहीं पर भी नगर निगम ने अलाव की व्यवस्था नहीं की है.
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से निचले इलाकों में काफी ठंड हो रही है. मगर, नगर निगम द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नगर निगम को जगह-जगह अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए.
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वहीं, बाहर से आने वाले यात्रियों का कहना है कि वे इलाहाबाद से हरिद्वार गंगा स्नान करने आए हैं. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि हरिद्वार में इतनी ठंड होगी. हरिद्वार में इस समय बर्फीली हवाएं चल रही हैं. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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वहीं, नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. नगर निगम द्वारा पिछले सप्ताह से ही 10 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. इसमें मुख्य रूप से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और यात्रियों की रुकने की जगह शामिल हैं.
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कड़ाके की ठंड में अलाव ही एक माध्यम है, जिससे लोग ठंड से बच सकते हैं. हरिद्वार नगर निगम द्वारा इसके दावे तो किये जा रहे हैं, मगर स्थानीय लोगों और यात्रियों के बयानों से ये दावे कहीं भी मेल नहीं खा रहे हैं. जिसके कारण ये दावे हवा-हवाई साबित होते दिखाई दे रहे हैं.