हरिद्वार: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बीजेपी लगातार हमला बोल रही है. वहीं कांग्रेस अपने घोषणापत्र को जनहितकारी बता रही है. लेकिन गंगा की निर्मलता और अविरल के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन कर रही मातृ सदन संस्था को उसमें आशा की किरण दिखती है. गंगा को लेकर कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए दावों को मातृ सदन एक अच्छी पहल मान रहा है. मातृ सदन ने इसे स्वागत योग्य बताया है. वहीं साथ ही मोदी सरकार पर पिछले 5 सालों में गंगा की अनदेखी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि गंगा सहित अन्य नदियों की सफाई के लिए बजट आवंटन को दोगुना किया जाएगा. साथ ही गंगा एक्शन प्लान को लोगों के कार्यक्रम में बदलकर इसे लागू किया जाएगा. इस पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का कहना है कि कांग्रेस का यह कदम स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में कई ऐसी परियोजनाओं को बंद किया था, जिसे गंगा को नुकसान हो रहा था. जिसकी प्रशंसा वह आज तक करते हैं.
परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आगे कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से गंगा पर कोई भी ठोस कार्य नहीं हुआ है. वहीं जो काम पहले हो रहे थे वह भी अब बंद हैं. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस ऐसी बात कर रही है, लेकिन मातृ सदन याद दिलाता है कि वह गंगा के लिए चल रहे अनशन को अनदेखा न करें. स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार आने पर राहुल गांधी के गंगा पर चल रहे अनशन को लेकर कुछ न बोलने पर भी सवाल खड़े किए. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पर खरा उतरेगी.
वहीं पिछले 166 दिनों से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि कांग्रेस के समय पर गंगा के लिए काम होता था, बैठक होती थी, कई बांधों पर रोक लगाई जा रही थी. लेकिन आज की मोदी सरकार किसी की भी नहीं सुनती, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में कोई भी अनशन इतने दिनों तक नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गंगा के लिए की गई बात मातृ सदन के लिए सकारात्मक है.