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कांग्रेस के घोषणा पत्र में मातृ सदन को दिख रही आशा की किरण, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Apr 8, 2019, 9:36 AM IST

परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आगे कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से गंगा पर कोई भी ठोस कार्य नहीं हुआ है. वहीं जो काम पहले हो रहे थे वह भी अब बंद हैं.

मातृ सदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद.

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बीजेपी लगातार हमला बोल रही है. वहीं कांग्रेस अपने घोषणापत्र को जनहितकारी बता रही है. लेकिन गंगा की निर्मलता और अविरल के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन कर रही मातृ सदन संस्था को उसमें आशा की किरण दिखती है. गंगा को लेकर कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए दावों को मातृ सदन एक अच्छी पहल मान रहा है. मातृ सदन ने इसे स्वागत योग्य बताया है. वहीं साथ ही मोदी सरकार पर पिछले 5 सालों में गंगा की अनदेखी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

मातृ सदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद.


कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि गंगा सहित अन्य नदियों की सफाई के लिए बजट आवंटन को दोगुना किया जाएगा. साथ ही गंगा एक्शन प्लान को लोगों के कार्यक्रम में बदलकर इसे लागू किया जाएगा. इस पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का कहना है कि कांग्रेस का यह कदम स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में कई ऐसी परियोजनाओं को बंद किया था, जिसे गंगा को नुकसान हो रहा था. जिसकी प्रशंसा वह आज तक करते हैं.
परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आगे कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से गंगा पर कोई भी ठोस कार्य नहीं हुआ है. वहीं जो काम पहले हो रहे थे वह भी अब बंद हैं. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस ऐसी बात कर रही है, लेकिन मातृ सदन याद दिलाता है कि वह गंगा के लिए चल रहे अनशन को अनदेखा न करें. स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार आने पर राहुल गांधी के गंगा पर चल रहे अनशन को लेकर कुछ न बोलने पर भी सवाल खड़े किए. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पर खरा उतरेगी.

वहीं पिछले 166 दिनों से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि कांग्रेस के समय पर गंगा के लिए काम होता था, बैठक होती थी, कई बांधों पर रोक लगाई जा रही थी. लेकिन आज की मोदी सरकार किसी की भी नहीं सुनती, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में कोई भी अनशन इतने दिनों तक नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गंगा के लिए की गई बात मातृ सदन के लिए सकारात्मक है.

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बीजेपी लगातार हमला बोल रही है. वहीं कांग्रेस अपने घोषणापत्र को जनहितकारी बता रही है. लेकिन गंगा की निर्मलता और अविरल के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन कर रही मातृ सदन संस्था को उसमें आशा की किरण दिखती है. गंगा को लेकर कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए दावों को मातृ सदन एक अच्छी पहल मान रहा है. मातृ सदन ने इसे स्वागत योग्य बताया है. वहीं साथ ही मोदी सरकार पर पिछले 5 सालों में गंगा की अनदेखी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

मातृ सदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद.


कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि गंगा सहित अन्य नदियों की सफाई के लिए बजट आवंटन को दोगुना किया जाएगा. साथ ही गंगा एक्शन प्लान को लोगों के कार्यक्रम में बदलकर इसे लागू किया जाएगा. इस पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का कहना है कि कांग्रेस का यह कदम स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में कई ऐसी परियोजनाओं को बंद किया था, जिसे गंगा को नुकसान हो रहा था. जिसकी प्रशंसा वह आज तक करते हैं.
परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आगे कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से गंगा पर कोई भी ठोस कार्य नहीं हुआ है. वहीं जो काम पहले हो रहे थे वह भी अब बंद हैं. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस ऐसी बात कर रही है, लेकिन मातृ सदन याद दिलाता है कि वह गंगा के लिए चल रहे अनशन को अनदेखा न करें. स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार आने पर राहुल गांधी के गंगा पर चल रहे अनशन को लेकर कुछ न बोलने पर भी सवाल खड़े किए. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पर खरा उतरेगी.

वहीं पिछले 166 दिनों से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि कांग्रेस के समय पर गंगा के लिए काम होता था, बैठक होती थी, कई बांधों पर रोक लगाई जा रही थी. लेकिन आज की मोदी सरकार किसी की भी नहीं सुनती, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में कोई भी अनशन इतने दिनों तक नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गंगा के लिए की गई बात मातृ सदन के लिए सकारात्मक है.

Intro:एंकर- कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किया गया 2019 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र को भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम नेता ढकोसला पत्र बताने में व्यस्त हूं लेकिन गंगा की निर्मलता और अविरालता के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन कर रही हरिद्वार की संस्था मातृ सदन को उसमें आशा की किरण दिखती है, गंगा को लेकर कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए दावों को मातृ सदन एक अच्छी पहल मान रही है, मातृ सदन ने इसे स्वागत योग्य बताया है वहीं साथ ही मोदी सरकार पर पिछले 5 सालों में गंगा की अवहेलना करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।


Body:VO1 - कांग्रेस द्वारा 2019 लोकसभा के लिए जारी किये गए घोषणा पत्र में पॉइंट 48 के चौथे सब-पॉइंट में कांग्रेस ने कहा है कि कांग्रेस गंगा सहित अन्य नदियों की सफाई के लिए बजट आवंटन को दुगना करने का वादा करती है, हम गंगा एक्शन प्लान को लोगों के कार्यक्रम में बदल देंगे और इसे लागू करेंगे। इसपर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का कहना है कि कांग्रेस का यह कदम स्वागत योग्य है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में कई ऐसी परियोजनाओं को बंद किया था जिसे गंगा को नुकसान हो रहा था जिसकी प्रसंसा वह आज तक करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद से गंगा पर कोई भी ठोस काम नहीं हुआ है वहीं जो काम पहले हो रहे थे वह भी अब बंद है, उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस ऐसी बात कर रही है, लेकिन मातृ सदन रिमाइंडर दिलाता है कि वह गंगा के लिए चल रहे अनशन को अनदेखा ना करें, स्वामी शिवानंद ने कल हरिद्वार पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गंगा पर चल रहे अनशन को लेकर कुछ ना बोलने पर भी सवाल खड़े किये लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पर उतरेगी और अगर वह यह काम करने के लिए तैयार है तो लोगों को कांग्रेस को एक मौका जरूर देना चाहिए। वहीं पिछले 166 दिनों से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा कि कांग्रेस के समय पर गंगा के लिए काम होता था, बैठक होती थी, कई बांधों पर रोक लगाई जा रही थी लेकिन आज की मोदी सरकार किसी की भी नहीं सुनती, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में कोई भी अनशन इतने दिनों तक नहीं चलता था, कांग्रेस का अभी तक का जो ट्रैकरिकॉर्ड है उससे यह साफ कहा जा सकता है की इस सरकार जैसे निम्नता कांग्रेस सरकार में नहीं थी। देखा जाए तो कांग्रेस के घोषणा पत्र में गंगा के लिए की गई बात को लेकर गंगा के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन चला रहा मातृ सदन सकारात्मक है।


Conclusion:बाइट- स्वामी शिवानंद, परमाध्यक्ष, मातृ सदन 

बाइट- ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद, अनशन पर बैठे संत 
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