हरिद्वार: धर्म नगरी हरिद्वार में आज से महाकुंभ मेले की विधिवत शुरुआत हो गई है. सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक महाकुंभ मेले का आयोजन होगा.
तीन शाही स्नान होंगे
इस बीच 12, 14 और 28 अप्रैल को तीन शाही स्नान होंगे. मेले को सकुशल संपन्न कराने की कामना को लेकर महाकुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत और आईजी महाकुंभ संजय गुंज्याल ने हर की पौड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर मां गंगा की पूजा अर्चना की. दुग्धाभिषेक करके महाकुंभ सकुशल संपन्न होने की कामना की गई.
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि आज से विधिवत महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. हमारे द्वारा मां गंगा की पूजा अर्चना कर कामना की गई है कि कुंभ मेला सकुशल संपन्न हो. मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि महाकुंभ हमेशा ही चुनौतीपूर्ण आयोजन रहा है.
श्रद्धालुओं का सहयोग चाहिए
महाकुंभ को सफल बनाने के लिए श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों का सहयोग चाहिए. हमें उम्मीद है कि हम मेले को अच्छे तरीके से संपन्न करा पाएंगे. उन्होंने कहा है कि महाकुंभ मेले के मेंटीनेंस के ही कार्य बचे हैं. बाकी सभी कार्य को पूरा कर लिया गया है. श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करना सभी के लिए जरूरी है.
एसओपी का पालन है जरूरी
वहीं आईजी महाकुंभ संजय गुंज्याल ने कहा कि महाकुंभ मेले में आने वाले लोगों को एसओपी का पालन जरूर करना होगा. इसके लिए उनके द्वारा बनाई गई सभी 9 चेक पोस्ट पर स्थानीय पुलिस, मेला पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है.
72 घंटे पहले की निगेटिव रिपोर्ट लाना मस्ट
72 घंटे पहले की rt-pcr टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराना बड़ी चुनौती है. इसलिए जितने भी बॉर्डर हैं वहां सख्ती बरती जा रही है.
कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं तो वापस लौटेंगे
जो लोग RT-PCR की टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट नहीं ला रहे हैं उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेजा जा रहा है. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि जो स्थानीय लोग हैं और डेली अप-डाउन करते हैं उनके लिए नियमों में छूट की गई है. बिना टेस्ट वाले लोगों के लिए बॉर्डर पर ही कोरोना टेस्ट की व्यवस्था की गई है. लेकिन यह व्यवस्था लिमिटेड है. इसलिए जो लोग हरिद्वार आ रहे हैं उन्हें आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर हरिद्वार आना होगा.
श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को www.haridwarkumbhmela2021.com और www.haridwarkumbhpolice2021.com वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. पंजीकरण के बाद उन्हें जो ई-पास या ई-परमिट मिलेगा, उसी से लोग हरिद्वार की सीमा में प्रवेश कर सकेंगे. कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को वाहन के लिए ई-पास लेना होगा.
पंजीकरण कराने वालों को सीधे एंट्री
पंजीकरण कराने के बाद हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे प्रवेश दिया जा रहा है. महाकुंभ की अवधि तक यही व्यवस्था चलेगी. जो श्रद्धालु बिना पंजीकरण और कोविड निगेटिव रिपोर्ट के आएंगे, बॉर्डर पर उनकी जांच की जा रही है.
श्रद्धालुओं को करना होगा नियमों का पालन
प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला अवधि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तय की है. मेले में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करना होगा. लोगों को मेला क्षेत्र में मास्क लगाकर रखना होगा. साथ ही, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सैनिटाइजेशन समेत अन्य कोविड प्रोटोकॉल्स का भी ख्याल रखना होगा.
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श्रद्धालुओं में अपार उत्साह
महाकुंभ की विधिवत शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी धर्म नगरी हरिद्वार पहुंचने शुरू हो गए हैं. लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. श्रद्धालु भी गंगा में डुबकी लगाने से काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की बात भी कर रहे हैं.
इस बार एक महीने का महाकुंभ
कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार का हरिद्वार महाकुंभ एक महीने कि छोटी अवधि में मनाया जा रहा है. इससे पहले धर्मनगरी हरिद्वार का कुंभ 4 महीने का किया जाता था. इसी को लेकर मेला प्रशासन ने शाही स्नानों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
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हरकी पौड़ी पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालु देश के कोने-कोने से गंगा स्नान करने के लिए हर की पैड़ी पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है महाकुंभ पर्व पर गंगा स्नान करने से उनके जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. गंगा स्नान मात्र से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. स्नान करने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है. इस बार एक महीने का ही महाकुंभ है. इसलिए हम अपने परिवार के साथ हरिद्वार हरकी पैड़ी पर स्नान करने आये हैं. सरकार द्वारा जारी कोविड की गाइडलाइन का भी पालन कर रहे हैं.