हरिद्वार: अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के नागा संन्यासियों ने भैरव घाट पर गंगा में डुबकी लगाकर हरिद्वार कुंभ 2021 का समापन की विधिवत घोषणा की है. इस दौरान जूना अखाड़ा के हरि गिरि ने कहा कि वैदिक परंपरा अनुसार ग्रहों की स्थिति और ज्योतिष गणना के आधार पर कुंभ पर्व 2021 का विधिवत शुभारंभ 14 अप्रैल को शाही स्नान के साथ हुआ था. शुक्रवार 14 मई को समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना और वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी से देश एवं विश्व को मुक्ति दिलाए जाने की कामना के साथ कुंभ का समापन कर दिया गया है. कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए नागा संन्यासियों ने सांकेतिक रूप से श्री आनंद भैरव अखाड़ा गंगा घाट पर स्नान किया.
उन्होंने कहा कि आगामी 18 मई को श्रीगंगा सप्तमी के पावन पर्व पर भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. इस अवसर पर जूना अखाड़े के नागा संन्यासी गंगा स्नान कर भगवान बदरीनाथ की मानस पूजा अर्चना करते हुए अर्घ्य भेंट करेंगे. गंगा सप्तमी के दिन ही दुःख हरण हनुमान मंदिर बिड़ला घाट स्थित धर्मध्वजा को अखाड़े की परम्परानुसार उतार लिया जायेगा. इसके बाद कढ़ी पकौड़ा भोज किया जाएगा और रमता पंचों को देश भ्रमण के लिए रवाना किया जाएगा.
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जूना अखाड़ा के सभापति प्रेमगिरि महाराज ने बताया कि रमता पंचों की जमात हरिद्वार कुंभ-2021 के विधिवत समापन के पश्चात पूरे देश का भ्रमण करते हुए प्रयागराज में होने वाले कुंभ 2024 में पहुंचेगी. हरिद्वार कुंभ-2021 कोरोना महामारी के कारण कुछ पाबंदियों के साथ आयोजित किया गया था. लेकिन कुंभ के प्रति आस्था और विश्वास में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हुई. साधु-संतों ने शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही शाही स्नान किया. हालांकि कोरोना की वजह से श्रद्धालुओं को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
कुंभ मेला-2021 के समापन के मौके पर गंगा स्नान के पश्चात भगवान दत्तात्रेय श्रीआनंद भैरव और महामाया माता मायादेवी की नागा संन्यासियों ने पूजा अर्चना एवं परिक्रमा की. भगवान दत्तात्रेय चरणपादुका पर ओंकार उठाने व पूजा अर्चना के साथ ही कुंभ 2021 का विधिवत समापन कर दिया गया.