ETV Bharat / state

गुरुकुल कांगड़ी विवि के प्रोफेसर श्रवण कुमार निलंबित, साथी टीचर से बदसलूकी का आरोप

हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रवण कुमार शर्मा निलंबित कर दिए गए हैं. प्रो. श्रवण कुमार शर्मा पर साथी प्रोफेसर के साथ नोकझोंक करना और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है.

haridwar
हरिद्वार
author img

By

Published : Dec 7, 2021, 7:59 PM IST

हरिद्वारः स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली और धर्मनगरी हरिद्वार की सबसे पुराने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय इन दिनों विवादों का अड्डा बना हुआ है. वर्तमान कुलपति और अन्य प्रोफेसरों की शैक्षणिक डिग्रियों को लेकर सवाल उठाकर जांच करना प्रो श्रवण कुमार शर्मा को खासा महंगा पड़ गया है. विश्वविद्यालय की ओर से उनके ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पहले नोटिस दिया गया. वहीं, अब संतोषजनक जवाब न मिलने पर विवि द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा आज मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि पिछले 6 दिसंबर को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के अंग्रेजी विभाग में कार्यरत डॉ श्रवण कुमार शर्मा को संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर अनुशासनहीनता एवं अन्य विभिन्न आरोपों के तहत निलंबित कर जांच बैठा दी गई है.

ये है मामलाः विश्वविद्यालय में नैक कमेटी की प्रस्तावित विजिट 24 एवं 26 दिसंबर 2021 को होनी थी, जिसकी युद्धस्तर पर तैयारियां विश्वविद्यालय में चल रही थी. आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आरसी दुबे ने 13 अक्टूबर 2021 को एक आवश्यक बैठक नैक कमेटी के विजिट को लेकर 18 अक्टूबर 2021 को आहूत की थी.

बैठक में प्रो. श्रवण कुमार शर्मा का प्रोफेसर सत्यदेव निगमालंकार तथा अन्य शिक्षकों से नोकझोंक और विवाद हो गया. आरोप है कि कुलपति बार-बार कहने पर भी प्रो. श्रवण कुमार शर्मा कुलपति से ही बहस करने लगे. विवाद इतना बढ़ गया कि श्रवण कुमार शर्मा ने आपे से बाहर होकर प्रो. सत्यदेव निगमालंकार को जान से मारने की धमकी दे डाली.

ये भी पढ़ेंः गजबः शादी से पहले दुल्हन ने दिया चकमा, फेसबुक प्रेमी से मिलने हरिद्वार से पहुंची तमिलनाडु

1995 में भी हो चुके हैं निलंबितः कुलपति प्रोफेसर रूपकिशोर शास्त्री के मुताबिक 1995 मई में भी डॉ. श्रवण कुमार शर्मा को सीनेट का घेराव करने, सदस्यों के साथ बदतमीजी, अनुशासनहीनता और बदसलूकी करने, कुलाधिपति और कुलपति के आदेशों की अवहेलना करने पर निलंबित किया गया था. उस समय बिना शर्त माफीनामा देने पर अनेकों प्रतिबंधों के साथ निलंबन खत्म किया गया था.

विवि के मुताबिक प्रो. श्रवण कुमार शर्मा को दिए निलंबन पत्र में विश्वविद्यालय की गरिमा को आघात पहुंचाना, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति के आदेशों की अवहेलना करना, गुरुकुल के सिद्धांतों का कुठाराघात करना, आर्यसमाज के मूलभूत सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करना बताया गया था. वहीं, अब विवि प्रशासन द्वारा फिर प्रो. श्रवण कुमार शर्मा को निलंबित किया गया है.

हरिद्वारः स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली और धर्मनगरी हरिद्वार की सबसे पुराने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय इन दिनों विवादों का अड्डा बना हुआ है. वर्तमान कुलपति और अन्य प्रोफेसरों की शैक्षणिक डिग्रियों को लेकर सवाल उठाकर जांच करना प्रो श्रवण कुमार शर्मा को खासा महंगा पड़ गया है. विश्वविद्यालय की ओर से उनके ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पहले नोटिस दिया गया. वहीं, अब संतोषजनक जवाब न मिलने पर विवि द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा आज मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि पिछले 6 दिसंबर को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के अंग्रेजी विभाग में कार्यरत डॉ श्रवण कुमार शर्मा को संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर अनुशासनहीनता एवं अन्य विभिन्न आरोपों के तहत निलंबित कर जांच बैठा दी गई है.

ये है मामलाः विश्वविद्यालय में नैक कमेटी की प्रस्तावित विजिट 24 एवं 26 दिसंबर 2021 को होनी थी, जिसकी युद्धस्तर पर तैयारियां विश्वविद्यालय में चल रही थी. आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आरसी दुबे ने 13 अक्टूबर 2021 को एक आवश्यक बैठक नैक कमेटी के विजिट को लेकर 18 अक्टूबर 2021 को आहूत की थी.

बैठक में प्रो. श्रवण कुमार शर्मा का प्रोफेसर सत्यदेव निगमालंकार तथा अन्य शिक्षकों से नोकझोंक और विवाद हो गया. आरोप है कि कुलपति बार-बार कहने पर भी प्रो. श्रवण कुमार शर्मा कुलपति से ही बहस करने लगे. विवाद इतना बढ़ गया कि श्रवण कुमार शर्मा ने आपे से बाहर होकर प्रो. सत्यदेव निगमालंकार को जान से मारने की धमकी दे डाली.

ये भी पढ़ेंः गजबः शादी से पहले दुल्हन ने दिया चकमा, फेसबुक प्रेमी से मिलने हरिद्वार से पहुंची तमिलनाडु

1995 में भी हो चुके हैं निलंबितः कुलपति प्रोफेसर रूपकिशोर शास्त्री के मुताबिक 1995 मई में भी डॉ. श्रवण कुमार शर्मा को सीनेट का घेराव करने, सदस्यों के साथ बदतमीजी, अनुशासनहीनता और बदसलूकी करने, कुलाधिपति और कुलपति के आदेशों की अवहेलना करने पर निलंबित किया गया था. उस समय बिना शर्त माफीनामा देने पर अनेकों प्रतिबंधों के साथ निलंबन खत्म किया गया था.

विवि के मुताबिक प्रो. श्रवण कुमार शर्मा को दिए निलंबन पत्र में विश्वविद्यालय की गरिमा को आघात पहुंचाना, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति के आदेशों की अवहेलना करना, गुरुकुल के सिद्धांतों का कुठाराघात करना, आर्यसमाज के मूलभूत सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करना बताया गया था. वहीं, अब विवि प्रशासन द्वारा फिर प्रो. श्रवण कुमार शर्मा को निलंबित किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.