हरिद्वार: इस बार मॉनसून उत्तराखंड पर लगातार कहर बरसा रहा है. बीते दिन हुई बारिश के कारण चंडी देवी मंदिर के पहाड़ पर भूस्खलन हुआ है. ऐसे में अब मनसा देवी की तरह चंडी देवी पहाड़ का भी सर्वे करने की बात सामने आ रही है. जिसके लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने शासन को पत्र भी लिखा है. चंडी देवी मंदिर की पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से चार दुकानें खतरे की जद में आ गई थी. जिससे सावधानी बरतते हुए जिला प्रशासन ने फिलहाल यात्रा को रोकने के निर्देश जारी किए थे.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पहाड़ पर मौजूद: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि चंडी देवी मंदिर के पहाड़ पर हुए भूस्खलन की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक टीम पहुंच गई है. 25 सदस्यों की एनडीआरएफ की टीम को चंडी देवी और श्यामपुर क्षेत्र में भेजा गया है. उन्होंने कहा कि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से नील पर्वत का सर्वे कराया जाएगा. जिसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है.
मनसा देवी की तर्ज पर होगा चंडी देवी पहाड़ का सर्वे: जिलाधिकारी ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण हरिद्वार में भी काफी नुकसान हुआ है. सावन मेले में कांवड़ यात्रा के दौरान मनसा देवी के पहाड़ में दरार आ गई थी और एक हिस्सा टूटकर हाईवे के साथ गिर गया था. जिसके बाद उसका भी सर्वे कराया जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कल चंडी देवी मंदिर पर भूखलन के बाद चंडी देवी पर्वत का भी सर्वे कराया जाएगा और जो भी शुरुआती दौर में फारूक की ट्रीटमेंट के लिए कार्य किए जाने हैं, उन्हें कराया जाएगा.
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