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आज बंद होंगे भगवान बदरी विशाल के कपाट, बड़ी संख्या में धाम पहुंचे श्रद्धालु - DOORS OF BADRINATH DHAM

शीतकाल के लिए आज भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद हो जाएंगे. श्रद्धालु शीतकालीन गद्दी स्थल पांडुकेश्वर के योग-ध्यान बदरी मंदिर में दर्शन कर करेंगे.

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बदरीनाथ धाम. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 16, 2024, 10:27 PM IST

Updated : Nov 17, 2024, 6:36 AM IST

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर यानि आज शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में भक्त बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं. ब्रह्म मुहूर्त में तड़के चार बजे मंदिर भक्तों के लिए खुलेगा. रोजाना की तरह 4.30 बजे भगवान बदरी-विशाल का अभिषेक और पूजा होगी. रात में 9 बजकर 7 मिनट पर भगवान बदरी-विशाल मंदिर के कपाट अगले 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू: बदरी-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि आज ब्रह्म मुहूर्त में बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे. पूरे दिन भक्त भगवान बदरी-विशाल के दर्शन कर सकते हैं. आज शाम को 6.45 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी.

भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रकिया तेज (ETV Bharat)

अब बदरीनाथ धाम में छह माह देवता करेंगे पूजा: मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ के मुताबिक 17 नवंबर यानि आज रावल अमरनाथ नंबूदरी बदरीनाथ स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान करेंगे. इसके कुछ ही समय पहले श्रीउदय जी और श्रीकुबेर जी मंदिर परिसर में आ जाएंगे. उसके बाद रात 8 :15 बजे कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं शनिवार तक 14 लाख 24 हजार 171 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.

घृत कंबल उड़ते के बाद तय समय पर रात 9:07 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. 18 नवंबर सुबह को योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे. मान्यता है कि भगवान बदरीनाथ की छह महीने देवता और छह महीने इंसान पूजा करते हैं. देवर्षि नारद देवताओं के प्रतिनिधि के तौर पर भगवान बदरी विशाल की पूजा करते हैं. साथ ही धाम के कपाट बंद होने के बाद अखंड ज्योति को जलाए रखते हैं.

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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर यानि आज शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में भक्त बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं. ब्रह्म मुहूर्त में तड़के चार बजे मंदिर भक्तों के लिए खुलेगा. रोजाना की तरह 4.30 बजे भगवान बदरी-विशाल का अभिषेक और पूजा होगी. रात में 9 बजकर 7 मिनट पर भगवान बदरी-विशाल मंदिर के कपाट अगले 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू: बदरी-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि आज ब्रह्म मुहूर्त में बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे. पूरे दिन भक्त भगवान बदरी-विशाल के दर्शन कर सकते हैं. आज शाम को 6.45 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी.

भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रकिया तेज (ETV Bharat)

अब बदरीनाथ धाम में छह माह देवता करेंगे पूजा: मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ के मुताबिक 17 नवंबर यानि आज रावल अमरनाथ नंबूदरी बदरीनाथ स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में विराजमान करेंगे. इसके कुछ ही समय पहले श्रीउदय जी और श्रीकुबेर जी मंदिर परिसर में आ जाएंगे. उसके बाद रात 8 :15 बजे कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं शनिवार तक 14 लाख 24 हजार 171 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.

घृत कंबल उड़ते के बाद तय समय पर रात 9:07 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. 18 नवंबर सुबह को योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे. मान्यता है कि भगवान बदरीनाथ की छह महीने देवता और छह महीने इंसान पूजा करते हैं. देवर्षि नारद देवताओं के प्रतिनिधि के तौर पर भगवान बदरी विशाल की पूजा करते हैं. साथ ही धाम के कपाट बंद होने के बाद अखंड ज्योति को जलाए रखते हैं.

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Last Updated : Nov 17, 2024, 6:36 AM IST
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