हरिद्वार: जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आत्म निर्भर मेला आयोजित किये जाने के संबंध में एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का सपना एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का है. उसी सपने को साकार करने की कड़ी के रूप में जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक से 14 नवंबर तक कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुये आत्मनिर्भर मेला आयोजित करने की योजना है.
उन्होेंने बताया कि इस मेले में केवल स्वदेशी सामान की ही बिक्री होगी, विदेशों से आयातित कोई भी सामान इसमें नहीं बिकेगा. इस मेले के लिये जो भी स्टाॅल बनाये जायेंगे, वे निःशुल्क आवंटित किये जायेंगे. इसके लिये किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि इस मेले के आयोजन का हमारा मुख्य उद्देश्य निचले तबके की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है तथा उनके कारोबार को आगे बढ़ाने के लिये सहारा देना है ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही जिला, प्रदेश व देश के विकास में अपना योगदान दे सकें.
जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित अधिकारियों से शहर के विभिन्न इलाकों में मेला आयोजित हो सकने वाले स्थलों के संबंध में जानकारी ली तो अधिकारियों ने मुख्य रूप से नगर निगम काम्पलेक्स, नेहरू स्टेडियम, ऋषिकुल मैदान, भूपतवाला, बीएचईएल के सेक्टर-03 एवं 04 के संबंध में अपने सुझाव दिये. जिलाधिकारी ने इसके अलावा लक्सर में भी मेला आयोजित करने के संबंध में विचार करने को कहा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मेला आयोजन के लिये अगर हमें प्रायोजक मिल जाते हैं, तो वह सबसे उत्तम है.
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जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इन मेलों में बिक्री के लिये रखे जाने वाले सामानों के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की तो अधिकारियों ने बताया कि दीपावली को देखते हुये दीये, खादी का सामान, मोमबत्ती, डेकोरेशन का सामान, झालर-लाइट, स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये सामान, खानपान का सामान, पटाखों आदि की बिक्री की जा सकती है. पटाखों के स्टाॅलों के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि नियमों का पालन करते हुये हम इन मेला स्थानों को पटाखों की बिक्री के लिये चिह्नित कर सकते हैं, जिनमें केवल स्वदेशी पटाखों की ही बिक्री होगी. जिलाधिकारी ने कहा कि मेले में कृषि-उद्यान से जुड़ी ऑर्गेनिक खेती व उसके उत्पादों से जुड़ी जानकारी वाले स्टाॅल भी लगाये जाने चाहिये.
जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित अधिकारियों को मेले में लगने वाले कुल स्टाॅलों, कितनी संख्या में लोग उपस्थित हो सकते हैं आदि के बारे में विस्तृत रूपरेखा तैयार कर 28 नवम्बर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. बैठक में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम हरिद्वार एवं रूड़की, बीएचईएल, सिडकुल के अधिकारीगण, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि आदि भी उपस्थित रहे.