हरिद्वारः उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत गन्ना किसानों की बकाया राशि भुगतान करने की मांग को लेकर इकबालपुर चीनी मिल के बाहर धरना दिया. हरीश रावत के धरने के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन हरकत में आया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने करीब 20 करोड़ किसानों और गन्ना भुगतान के लिए जारी करने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल, कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत इकबालपुर चीनी मिल के बाहर डटे. उनका यह धरना किसानों की गन्ना बकाया राशि भुगतान समेत किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर था. इसी बीच हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने गन्ना मूल्य भुगतान से जुड़ा पत्र जारी किया है. जिसमें हरीश रावत से धरना समाप्त करने का आग्रह भी किया गया है. पत्र में पेराई सत्र 2017-18 और 2018-19 के अवशेष गन्ना के भुगतान के संबंध में लिखा है.
इसके अलावा चीनी मिल इकबालपुर को अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के संबंध में प्रबंधक को निर्देश भी दिया गया है. जिसमें कहा है कि पेराई सत्र 2017-18 के अवशेष गन्ना मूल्य 2.46 करोड़ की धनराशि का भुगतान आगामी 3 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से कर दें. साथ ही पेराई सत्र 2018-19 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान 108 करोड़ रुपए के लिए चीनी मिल स्तर पर ठोस प्रभावी कार्रवाई करते हुए तत्काल 20 करोड़ की धनराशि गन्ना किसानों को भुगतान करने को कहा है.
वहीं, यह पत्र हरिद्वार जिलाधिकारी ने हरीश रावत को आज सुबह 11 बजे लिखा, लेकिन हरीश रावत को शाम के वक्त यह पत्र मिला. जिसके बाद करीब 4 बजे किसानों के साथ सहमति कर हरीश रावत ने अपना धरना समाप्त कर लिया. हरीश रावत का कहना है कि अगर समयानुसार सरकार किसानों का भुगतान नहीं करती तो धरना फिर से किया जाएगा, लेकिन सरकार की ओर से कुछ मोहलत मांगी गई है, उसे भी देनी चाहिए.