हरिद्वार: मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत आच्छादित गांवों के स्कूलों में मानक के अनुसार शौचालय के बारे में जानकारी ली.
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अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत 53 गांव चिह्नित हैं, लेकिन अब एक गांव वन पंचायत में तथा एक गांव शहरी क्षेत्र में आने की वजह से प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चिह्नित गांवों की संख्या-51 रह गयी है. मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत निर्धारित मानकों को केन्द्र बिन्दु में रखते हुये इसमें और तेजी लाएं.
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनु.जाति जनसंख्या वाले चयनित गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है. इसके अन्तर्गत ’’आदर्श ग्राम’’ एक ऐसी परिकल्पना है, जिसमें लोगों को विभिन्न बुनियादी यथा-पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईधन, कृषि, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण जैसी सेवायें देने की परिकल्पनायें की गयी हैं. जिससे समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो और असमानतायें कम से कम रहें. गांव विकास योजना का उद्देश्य चुने गांवों का आदर्श ग्राम के रूप में लगभग 5 वर्ष की समय सीमा में विकास करने के लिये व्यापक, वास्तविक और व्यावहारिक रूप रेखा तैयार करना है.