हरिद्वार: उज्जैन और काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर हरिद्वार में भी हरकी पैड़ी कॉरिडोर बनाने की कवायद तेज हो गई है. कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. हरकी पैड़ी कॉरिडोर बनने के बाद किस तरह के शहर में परिवर्तन होंगे, इसको लेकर शहरवासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जिसको लेकर हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कॉरिडोर बनाने का मकसद किसी को उजाड़ने का नहीं है, बल्कि हरिद्वार की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाना है.
दुकान और होटल टूटने की आशंका: बता दें लंबे समय से हरिद्वार की हरकी पैड़ी कॉरिडोर प्रस्तावित है. ऐसे में अब इस कॉरिडोर का काम जल्द शुरू होने जा रहा है. वहीं, हरकी पैड़ी कॉरिडोर को लेकर हरिद्वार वासी यह जानने के लिए बेचैन है कि कॉरिडोर के साथ क्या-क्या बदलाव होने वाला है. किस तरह इस कॉरिडोर के स्वरूप को बनाया जाएगा. कॉरिडोर को लेकर हरकी पैड़ी क्षेत्र के व्यापारियों और आमजन में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दरअसल जिन रास्तों पर कॉरिडोर बनाने की बात हो रही है, उनमें कई होटल, धर्मशालाएं और दुकानें आ रही हैं. इसीलिए हरिद्वार में लोगों की जुबान पर उनके होटल, दुकान और मकान टूटने को लेकर चर्चा के साथ चिंता बनी हुई है.
कॉरिडोर में पांच प्रोजेक्ट पर होगा काम: हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडेय ने लोगों में संशय की स्थिति दूर करने के लिए कहा कॉरिडोर बनाने का उद्देश्य किसी को उजाड़ना नहीं है, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा और सुगमता उपलब्ध कराना है, लेकिन जिन्होंने यहां अतिक्रमण किया है, उनको बख्शा नहीं जाएगा.हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर काफी एडवांस स्टेज में विचार विमर्श चल रहा है. पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इसका अप्रूवल हो गया है. कुल मिलाकर हरकी पैड़ी कॉरिडोर में पांच प्रोजेक्ट पर काम होना है. जो मोटे तौर पर गाइडलाइन बनी है, उसमें हरकी पैड़ी का हमारा क्षेत्र है. जिसमें कनखल क्षेत्र का सती कुंड और संन्यास रोड, भूपतवाला, भारत माता मंदिर का क्षेत्र, मनसा देवी और चंडी देवी का क्षेत्र है. इन सभी को विकसित करने की एक योजना तैयार हो रही है. कॉरिडोर का काम 2024 में शुरू हो जाएगा.
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सुझाव लेकर की जाएगी कॉरिडोर डिजाइनिंग: हरकी पैड़ी कॉरिडोर की डिजाइनिंग के बारे में जिलाधिकारी ने कहा इसकी डिजाइन को हरिद्वार से जुड़ी संस्थाएं, गंगा सभा, साधु संत और आमजन की राय लेकर ही बनाया जाएगा. इसमें कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें सभी संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधि भाग करेंगे. उनकी सहमति के बाद ही कॉरिडोर के स्वरूप को मंजूरी दी जाएगी.
कॉरिडोर बनाने का उद्देश्य: हरिद्वार जिलाधिकारी शंकर पांडेय ने बताया कॉरिडोर को बनाने का मुख्य उद्देश्य हरिद्वार में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को एक अच्छी अनुभूति दिलाना और हरिद्वार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही पहचान दिलाना है.
तीन रास्तों को किया गया चिन्हित: हरकी पैड़ी पर जाने के लिए मुख्य रूप से तीन मार्ग हैं. एक भीमगोड़ की तरफ से आने वाला, दूसरा अपर रोड की तरफ से आने वाला और तीसरा मोती बाजार की तरफ से आने वाला रास्ता है. जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया उनकी दशा और दिशा दोनों को सुधारने का काम होगा. इसी के साथ अंडरग्राउंड लाइन से पानी की निकासी की व्यवस्था इन तीनों क्षेत्र में की जाएगी. इन तीनों रास्तों में फाउंटेन लगाकर एक खूबसूरत स्वरूप दिया जाएगा. ताकि हरिद्वार आने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को एक अच्छी अनुभूति हो.
अतिक्रमण पर होगी कार्रवाई: जिलाधिकारी ने कहा ऐसी शिकायतें हमेशा से रही है कि जो दुकानें अलॉट थी, चाहे वह नगर निगम की तरफ से थी, उसके बरामदे पर दुकानें बना दी गई है. जिस ने भी अवैध अतिक्रमण किया है, वह तो जाएगा. यथासंभव जो भी योजनाएं बनेगी, सबकी सहमति से बनेगी. हमारा उद्देश्य हरिद्वार को खूबसूरत बनाना है. किसी को उजाड़ना या किसी का विध्वंस करने का उद्देश्य नहीं है. जब भी कोई प्रोजेक्ट शुरू होगा तो कम से कम 2 साल इसमें टाइम जरूर लगेगा.