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हर साल हरकी पैड़ी पहुंचने की कोशिश करती है सिख कॉन्फ्रेंस, जानें क्या है ज्ञान गोदड़ी विवाद

ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा विवाद मामले में हर साल की तरह इस साल भी ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस ने हरकी पैड़ी कूच करने की तैयारी की थी लेकिन भारी संख्या में मौजूद पुलिस फोर्स ने विवाद बढ़ने से पहले ही उन्हें वापस लौटा दिया.

har ki pauri
हरकी पैड़ी
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Published : Sep 5, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 7:56 PM IST

हरिद्वार: ज्ञान गोदड़ी विवाद को लेकर ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस का हरकी पैड़ी में प्रदर्शन पुलिस की सक्रियता के चलते टल गया. दरअसल, ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस ने हरकी पैड़ी पर कूच करने की चेतावनी दी थी, जिसको देखते हुए हरिद्वार में पुलिस प्रशासन सतर्क थी. हरकी पैड़ी क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया था साथ ही जनपद की सीमाओं पर भी पैनी नजर रखी जा रही थी.

जानें क्या है ज्ञान गोदड़ी विवाद

दरअसल, ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे के निर्माण की मांग पिछले कई साल से चली आ रही है. हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारे के होने का दावा सिख समुदाय लंबे समय से करता आया है. वर्तमान समय में दावे वाली जगह पर भारत स्काउट्स एंड गाइड्स का कार्यकाल बना हुआ है. इस वजह से कई बार हरिद्वार में मेलों के अवसर पर बवाल की आशंका भी रही है.

harki pauri
हरकी पैड़ी में भारी पुलिस बल तैनात.

स्थानीय प्रशासन ने भूमि आवंटन की पहल की थी, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी भूमि नहीं मिल पायी है. वहीं पूर्व में सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी हरिद्वार से मुलाकात भी की थी साथ ही तत्कालीन सीएम ने इस संबंध में भूमि आवंटन का आश्वासन भी दिया था. बावजूद इसके आजतक गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए भूमि का आवंटन नहीं किया गया है.

स्काउट गाइड के दफ्तर को तोड़कर गुरुद्वारे के पुनः निर्माण के लिए ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के बैनर तले लोग हर साल हरकी पैड़ी पर पहुंचने का प्रयास करते हैं ताकि जत्थे के लोगों द्वारा वहां जाकर प्रदर्शन करें लेकिन पुलिस उन्हें वापस लौटा देती है.

पढ़ेंः ज्ञान गोदड़ी विवादः पुलिस की तत्परता से टला प्रदर्शन, सिखों के जत्थे को भेजा वापस

आज भी ऑल इंडिया सिख कान्फ्रेंस से जुड़े लोग गुरु चरण सिंह बब्बर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से उत्तराखंड के बॉर्डर के रास्ते होते हुए हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर जाना चाहते थे लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने जत्थे को उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काली नदी चेक पोस्ट पर ही रोक लिया. इस बीच दोनों पक्षों में हल्की-फुल्की झड़प भी हुई लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर जत्थे को वापस दिल्ली भेज दिया.

सालों से चला आ रहा है विवाद

गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का मामला 11 साल बाद भी नहीं निपट सका है. वर्ष 2009 से हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाने की मांग चल रही है. सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी जाए. इस मुद्दे को लेकर वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था लेकिन आज तक मामले का निपटारा नहीं हो सका है, जिससे सिख समाज में रोष है.

क्या है विवाद

सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा स्मृति स्थल बनाया जाए और शहर के एक स्थान पर भव्य गुरुद्वारा बनाया जाएगा. सिख समुदाय का दावा है कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव महाराज का साढ़े चार सौ साल पुराना प्राचीन गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी है. उनका आरोप है कि 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा हटाने की साजिश रची गई और 1984 में गुरुद्वारा तोड़ वहां बाजार व दुकान बना दी गई. 2009 के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. हालांकि, स्थानीय लोग इस बात का विरोध करते हैं.

हरिद्वार: ज्ञान गोदड़ी विवाद को लेकर ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस का हरकी पैड़ी में प्रदर्शन पुलिस की सक्रियता के चलते टल गया. दरअसल, ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस ने हरकी पैड़ी पर कूच करने की चेतावनी दी थी, जिसको देखते हुए हरिद्वार में पुलिस प्रशासन सतर्क थी. हरकी पैड़ी क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया था साथ ही जनपद की सीमाओं पर भी पैनी नजर रखी जा रही थी.

जानें क्या है ज्ञान गोदड़ी विवाद

दरअसल, ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे के निर्माण की मांग पिछले कई साल से चली आ रही है. हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारे के होने का दावा सिख समुदाय लंबे समय से करता आया है. वर्तमान समय में दावे वाली जगह पर भारत स्काउट्स एंड गाइड्स का कार्यकाल बना हुआ है. इस वजह से कई बार हरिद्वार में मेलों के अवसर पर बवाल की आशंका भी रही है.

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हरकी पैड़ी में भारी पुलिस बल तैनात.

स्थानीय प्रशासन ने भूमि आवंटन की पहल की थी, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी भूमि नहीं मिल पायी है. वहीं पूर्व में सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी हरिद्वार से मुलाकात भी की थी साथ ही तत्कालीन सीएम ने इस संबंध में भूमि आवंटन का आश्वासन भी दिया था. बावजूद इसके आजतक गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए भूमि का आवंटन नहीं किया गया है.

स्काउट गाइड के दफ्तर को तोड़कर गुरुद्वारे के पुनः निर्माण के लिए ऑल इंडिया सिख कांफ्रेंस के बैनर तले लोग हर साल हरकी पैड़ी पर पहुंचने का प्रयास करते हैं ताकि जत्थे के लोगों द्वारा वहां जाकर प्रदर्शन करें लेकिन पुलिस उन्हें वापस लौटा देती है.

पढ़ेंः ज्ञान गोदड़ी विवादः पुलिस की तत्परता से टला प्रदर्शन, सिखों के जत्थे को भेजा वापस

आज भी ऑल इंडिया सिख कान्फ्रेंस से जुड़े लोग गुरु चरण सिंह बब्बर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से उत्तराखंड के बॉर्डर के रास्ते होते हुए हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर जाना चाहते थे लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने जत्थे को उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काली नदी चेक पोस्ट पर ही रोक लिया. इस बीच दोनों पक्षों में हल्की-फुल्की झड़प भी हुई लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर जत्थे को वापस दिल्ली भेज दिया.

सालों से चला आ रहा है विवाद

गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का मामला 11 साल बाद भी नहीं निपट सका है. वर्ष 2009 से हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाने की मांग चल रही है. सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी जाए. इस मुद्दे को लेकर वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था लेकिन आज तक मामले का निपटारा नहीं हो सका है, जिससे सिख समाज में रोष है.

क्या है विवाद

सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा स्मृति स्थल बनाया जाए और शहर के एक स्थान पर भव्य गुरुद्वारा बनाया जाएगा. सिख समुदाय का दावा है कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव महाराज का साढ़े चार सौ साल पुराना प्राचीन गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी है. उनका आरोप है कि 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा हटाने की साजिश रची गई और 1984 में गुरुद्वारा तोड़ वहां बाजार व दुकान बना दी गई. 2009 के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. हालांकि, स्थानीय लोग इस बात का विरोध करते हैं.

Last Updated : Sep 5, 2020, 7:56 PM IST
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