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अलविदा जुमे पर देश के लिए मांगी अमन-चैन की दुआ

सिविल लाइन मस्जिद के कारी जावेद आलम ने कहा कि रमजान महीने में हमें रोजा नमाज और दूसरी इबादतों के साथ ही गरीब व मिसकिनों की मदद करनी चाहिए. फितरा जकात ईद की नमाज से पहले अदा कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार फितरे की रकम मौजूदा रेट के हिसाब से ₹35 के करीब है.

अलविदा जुमे में नमाज अदा करते जुमेदार.
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Published : May 31, 2019, 11:41 PM IST

रुड़कीः रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई. शहर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिद में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने अलविदा जुमे की नमाज अता की. जुमे की नमाज के बाद सभी लोगों ने देश और प्रदेश की खुशहाली, अमन-चैन और शांति के साथ कौम की तरक्की की दुआएं मांगी. इस दौरान जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने कहा कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. इंसान को अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. इससे दुनिया से तमाम बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी.

अलविदा जुमे में नमाज अदा करते जुमेदार.


जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने रमजान उल मुबारक के मौके पर कहा कि रोजा हर बालिग मर्द और औरत का फर्ज है. रमजान के इस पवित्र महीने में जुमे की नमाज की काफी विशेषता होती है. सिविल लाइन मस्जिद के कारी जावेद आलम ने कहा कि रमजान महीने में हमें रोजा नमाज और दूसरी इबादतों के साथ ही गरीब व मिसकिनों की मदद करनी चाहिए. फितरा जकात ईद की नमाज से पहले अता कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार फितरे की रकम मौजूदा रेट के हिसाब से ₹35 के करीब है.

ये भी पढ़ेंः मौसम ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें, वनाग्नि पर काबू पाने में छूट रहे पसीने


मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने बताया कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. खुद को की बुराईयों को दूर करने पर दूसरों के प्रति बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है. रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश में भूख-प्यास समेत अपनी तमाम इच्छाओं को रोक देता है. इस बदले में अल्लाह अपने रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है.


वहीं, सीईओ चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि रमजान उल मुबारक का अलविदा जुमा अता किया जा रहा है. शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कांस्टेबल और मोबाइल गाड़ियों का प्रबंध किया गया है. जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे.

रुड़कीः रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई. शहर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिद में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने अलविदा जुमे की नमाज अता की. जुमे की नमाज के बाद सभी लोगों ने देश और प्रदेश की खुशहाली, अमन-चैन और शांति के साथ कौम की तरक्की की दुआएं मांगी. इस दौरान जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने कहा कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. इंसान को अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. इससे दुनिया से तमाम बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी.

अलविदा जुमे में नमाज अदा करते जुमेदार.


जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने रमजान उल मुबारक के मौके पर कहा कि रोजा हर बालिग मर्द और औरत का फर्ज है. रमजान के इस पवित्र महीने में जुमे की नमाज की काफी विशेषता होती है. सिविल लाइन मस्जिद के कारी जावेद आलम ने कहा कि रमजान महीने में हमें रोजा नमाज और दूसरी इबादतों के साथ ही गरीब व मिसकिनों की मदद करनी चाहिए. फितरा जकात ईद की नमाज से पहले अता कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार फितरे की रकम मौजूदा रेट के हिसाब से ₹35 के करीब है.

ये भी पढ़ेंः मौसम ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें, वनाग्नि पर काबू पाने में छूट रहे पसीने


मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने बताया कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. खुद को की बुराईयों को दूर करने पर दूसरों के प्रति बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है. रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश में भूख-प्यास समेत अपनी तमाम इच्छाओं को रोक देता है. इस बदले में अल्लाह अपने रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है.


वहीं, सीईओ चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि रमजान उल मुबारक का अलविदा जुमा अता किया जा रहा है. शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कांस्टेबल और मोबाइल गाड़ियों का प्रबंध किया गया है. जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे.

Intro:अलविदा जुमा


Body:रुड़की शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा की नमाज़ बड़ी अकीदत के साथ अदा की गई है शहर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिद में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने अलविदा जुमे की नमाज अदा की जुमे की नमाज के बाद सभी ने देश व प्रदेश की खुशहाली और अमन-चैन व शांति के साथ ही कोम की तरक्की की भी दुआएं मांगी।जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले अपने बयान में मौलाना मजहरुल हक ने रमजान उल मुबारक की विशेषता पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि रोजा हर बालिग मर्द औरत पर फर्ज है उन्होंने रमजान के पवित्र महीने जुमे की नमाज की विशेषता भी बताई।

वही मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने बयान करते हुए कहा कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है अगर इंसान सिर्फ अपनी कमियां देखकर उन्हें दूर करने की कोशिश करें तो दुनिया से बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी।

रुड़की की सिविल लाइन मस्जिद के कारी जावेद आलम ने अपने खुदतबे में कहा कि रमजान माह में हमें रोजा नमाज और दूसरी इबादतों के साथ ही गरीब व मिसकिनों को भी दिल खोलकर मदद करनी चाहिए फितरा जकात ईद की नमाज से पहले पहले आदा कर देना चाहिए उन्होंने बताया कि इस बार फितरे की रकम मौजूदा रेट के हिसाब से ₹35 के करीब बनती है।

इस दौरान कारी शमीम अहमद ने कहा कि रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश में भूख प्यास समेत अपनी तमाम इच्छाओं को रोक देता है इस बदले में अल्लाह अपने रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है जामा मस्जिद में जुमे की नमाज कारी कलीमुद्दीन साहब ने अदा कराई।

बाइट - रियाज़ कुरैसी (रोज़ेदार नमाज़ी)
बाइट - मोहम्मद लुक़मान (रोज़ेदार नमाज़ी)

वही रुड़की सीईओ चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि आज रमजान उल मुबारक का अलविदा जुमा है और शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कांस्टेबल और मोबाइल गाड़ियों का प्रबंध भी किया हुआ है।

बाइट - चंदन सिंह बिष्ट (सीओ रुडकी)



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