रुड़कीः रमजान उल मुबारक के अलविदा जुमा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई. शहर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिद में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने अलविदा जुमे की नमाज अता की. जुमे की नमाज के बाद सभी लोगों ने देश और प्रदेश की खुशहाली, अमन-चैन और शांति के साथ कौम की तरक्की की दुआएं मांगी. इस दौरान जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने कहा कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. इंसान को अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. इससे दुनिया से तमाम बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी.
जामा मस्जिद में मौलाना मजहरुल हक ने रमजान उल मुबारक के मौके पर कहा कि रोजा हर बालिग मर्द और औरत का फर्ज है. रमजान के इस पवित्र महीने में जुमे की नमाज की काफी विशेषता होती है. सिविल लाइन मस्जिद के कारी जावेद आलम ने कहा कि रमजान महीने में हमें रोजा नमाज और दूसरी इबादतों के साथ ही गरीब व मिसकिनों की मदद करनी चाहिए. फितरा जकात ईद की नमाज से पहले अता कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार फितरे की रकम मौजूदा रेट के हिसाब से ₹35 के करीब है.
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मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने बताया कि रोजा इंसान को तमाम बुराइयों से बचाता है. खुद को की बुराईयों को दूर करने पर दूसरों के प्रति बुराइयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है. रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश में भूख-प्यास समेत अपनी तमाम इच्छाओं को रोक देता है. इस बदले में अल्लाह अपने रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है.
वहीं, सीईओ चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि रमजान उल मुबारक का अलविदा जुमा अता किया जा रहा है. शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कांस्टेबल और मोबाइल गाड़ियों का प्रबंध किया गया है. जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे.