हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार क्षेत्र में नमामि गंगे के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को हटाने के बाद हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों पर सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. दो स्नान पर्वों और वीकेंड में उमड़ी श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ के बाद गंगा घाटों पर कूड़े के अंबार लगे हुए हैं. नगर निगम की सफाई व्यवस्था कूड़े के निस्तारण में नाकाफी साबित हो रही है.
लघु व्यापारी नेता संजय चोपड़ा का कहना है कि देशभर से लाखों श्रद्धालु तीर्थ नगरी हरिद्वार में पहुंचते हैं. ऐसे में गंगा घाटों पर लगा इस तरह कूड़े का ढेर से हरिद्वार की छवि खराब होती है. ऐसे में उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी इस समस्या का खुद संज्ञान लेने और हरिद्वार में चरमराई सफाई व्यवस्था में सुधार लाए जाने की मांग की है.
हरिद्वार के मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती (Commissioner Dayanand Saraswati) का कहना है कि 31 मई को नमामि गंगे के तहत जो टेंडर घाटों की सफाई के लिए हुआ था, वह खत्म हो गया है. जल्द ही टेंडर रिन्यू हो जाएगा लेकिन उसके बावजूद भी हमने गंगा घाटों के लिए 100 लोगों की व्यवस्था अपने लोकल स्तर पर की है, ताकि गंगा घाट पर सफाई व्यवस्था बनी रहे. दयानंद सरस्वती ने कहा कि हम इस व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, जल्द ही व्यवस्थाएं और बेहतर ढंग से होने लगेंगी.
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पहले भी हड़ताल कर चुके हैं सफाई कर्मचारी: इससे पहले भी कूड़ा उठाने की व्यवस्था में लगी कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई थी, जिससे शहर भर में कूड़े के ढेर जमा हो गए थे. हालांकि, नगर निगम प्रशासन लगातार साफ सफाई करने और जल्द से जल्द कूड़ा हटाने की बात कह कर पल्ला झाड़ता दिख रहा है.