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गुरु पूर्णिमा पर कांवड़ियों की हरिद्वार में एंट्री बैन, यहां मिलेगा गंगाजल - हरिद्वार न्यूज

हरिद्वार के SSP का कहना है कि कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर कांवड़िये आएंगे तो उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेजा जाएगा. वेश बदलकर आने वाले कांवड़ियों को क्वारंटाइन किया जाएगा और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. वहीं, कांवड़ियों के लिए बॉर्डर पर ही गंगाजल की व्यवस्था की जा रही है.

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कांवड़ियों को हरिद्वार SSP की चेतावनी
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Published : Jul 23, 2021, 7:05 PM IST

Updated : Jul 23, 2021, 8:00 PM IST

हरिद्वार: सावन का महीना शुरू होते ही उत्तराखंड में कावड़ियों का आगमन भी शुरू हो जाता है. इस दौरान शिव भक्त कांवड़िये लाखों की संख्या में पैदल चलकर गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं और कंधों पर गंगा जल उठाए अपने गंतव्यों को वापस हो जाते हैं. हालांकि ये दौर कोरोना महामारी का चल रहा है. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. गौरतलब है कि प्रदेश में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाने के लिए 24 जुलाई से राज्य के सभी बॉर्डरों को सील किया जाएगा.

कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद उत्तराखंड के IG लॉ एंड ऑर्डर ने हरिद्वार के CCR टावर सभागार में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक की थी. बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई अहम मुद्दों पर क्रमवार चर्चा की गई. इस दौरान आदेशों का सख्ती से पालन कराने पर भी आत्ममंथन किया गया. वहीं, दूसरे राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कांवड़ यात्रा अवधि में पूर्ण सहयोग करने पर सहमति जताई.

गुरु पूर्णिमा पर कांवड़ियों की हरिद्वार में एंट्री बैन.

ये भी पढ़ें: देवस्थानम बोर्ड विवाद: CM की 'संशोधन' घोषणा के बाद तीर्थ पुरोहित फिलहाल शांत, आंदोलन स्थगित

वहीं, हरिद्वार एसएसपी का कहना है कि कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए बाद जिला प्रशासन की ओर से पूरे क्षेत्र को 4 सुपर जोन और 17 सेक्टरों में बांटा जा रहा है. नारसन और भगवानपुर बॉर्डर पर पीएसी की दो कंपनी तैनात की गई हैं. बाकी जब फोर्स मिल जाएगी तो अन्य जगहों पर तैनाती की जाएंगी. हर की पैड़ी में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करके किसी भी तरह की मूवमेंट की मॉनिटरिंग करेंगे.

ये भी पढ़ें: GROUND REPORT: उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त गांवों में पटरी पर लौट रही जिंदगी, मदद को बढ़े हाथ

एसएसपी ने बताया कि अगर कांवड़िये आएंगे तो उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेजा जाएगा. वेश बदलकर आने वाले कांवड़ियों को क्वारंटाइन किया जाएगा और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसके अलावा शटल बसों की भी व्यवस्था की जाएगी. ताकि आने वाले कांवड़ियों को जल्द से जल्द बॉर्डर पार भेजा जा सके. बॉर्डर पर गंगा जल टैंकर का प्रबंध रहेगा, जिससे बॉर्डर पर आने श्रद्धालुओं को वहीं पर गंगा जल मिल सके.

बॉर्डर पर पुलिस अलर्ट: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक सबसे अधिक दबाव दिल्ली से लगते नारसन बॉर्डर और सहारनपुर से लगती मंडावरी बॉर्डर पर रहता है. ऐसे में अन्य स्थानों की तरह यहां भी अतिरिक्त पोस्ट लगाकर कांवड़ मेला प्रतिबंध पर इंफोर्समेंट को लागू किया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर हरिद्वार से लगता खानपुर वाला यूपी बॉर्डर और देहरादून के हिमाचल से लगता पांवटा बॉर्डर भी महत्वपूर्ण है. यहां कांवड़ियों का दबाव अधिक होने के चलते पुलिस की अतिरिक्त तैनाती कर चौकसी बढ़ाई जाएगी.

कांवड़ में इन राज्यों से आते हैं भक्त: उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक लगभग 31% श्रद्धालु हरियाणा से उत्तराखंड पहुंचते हैं. वहीं, 27% श्रद्धालु उत्तर प्रदेश से सावन पर कांवड़ लेने आते हरिद्वार आते हैं.

हरिद्वार: सावन का महीना शुरू होते ही उत्तराखंड में कावड़ियों का आगमन भी शुरू हो जाता है. इस दौरान शिव भक्त कांवड़िये लाखों की संख्या में पैदल चलकर गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं और कंधों पर गंगा जल उठाए अपने गंतव्यों को वापस हो जाते हैं. हालांकि ये दौर कोरोना महामारी का चल रहा है. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. गौरतलब है कि प्रदेश में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाने के लिए 24 जुलाई से राज्य के सभी बॉर्डरों को सील किया जाएगा.

कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद उत्तराखंड के IG लॉ एंड ऑर्डर ने हरिद्वार के CCR टावर सभागार में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक की थी. बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई अहम मुद्दों पर क्रमवार चर्चा की गई. इस दौरान आदेशों का सख्ती से पालन कराने पर भी आत्ममंथन किया गया. वहीं, दूसरे राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कांवड़ यात्रा अवधि में पूर्ण सहयोग करने पर सहमति जताई.

गुरु पूर्णिमा पर कांवड़ियों की हरिद्वार में एंट्री बैन.

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वहीं, हरिद्वार एसएसपी का कहना है कि कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए बाद जिला प्रशासन की ओर से पूरे क्षेत्र को 4 सुपर जोन और 17 सेक्टरों में बांटा जा रहा है. नारसन और भगवानपुर बॉर्डर पर पीएसी की दो कंपनी तैनात की गई हैं. बाकी जब फोर्स मिल जाएगी तो अन्य जगहों पर तैनाती की जाएंगी. हर की पैड़ी में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करके किसी भी तरह की मूवमेंट की मॉनिटरिंग करेंगे.

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एसएसपी ने बताया कि अगर कांवड़िये आएंगे तो उन्हें बॉर्डर से ही वापस भेजा जाएगा. वेश बदलकर आने वाले कांवड़ियों को क्वारंटाइन किया जाएगा और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसके अलावा शटल बसों की भी व्यवस्था की जाएगी. ताकि आने वाले कांवड़ियों को जल्द से जल्द बॉर्डर पार भेजा जा सके. बॉर्डर पर गंगा जल टैंकर का प्रबंध रहेगा, जिससे बॉर्डर पर आने श्रद्धालुओं को वहीं पर गंगा जल मिल सके.

बॉर्डर पर पुलिस अलर्ट: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक सबसे अधिक दबाव दिल्ली से लगते नारसन बॉर्डर और सहारनपुर से लगती मंडावरी बॉर्डर पर रहता है. ऐसे में अन्य स्थानों की तरह यहां भी अतिरिक्त पोस्ट लगाकर कांवड़ मेला प्रतिबंध पर इंफोर्समेंट को लागू किया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर हरिद्वार से लगता खानपुर वाला यूपी बॉर्डर और देहरादून के हिमाचल से लगता पांवटा बॉर्डर भी महत्वपूर्ण है. यहां कांवड़ियों का दबाव अधिक होने के चलते पुलिस की अतिरिक्त तैनाती कर चौकसी बढ़ाई जाएगी.

कांवड़ में इन राज्यों से आते हैं भक्त: उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक लगभग 31% श्रद्धालु हरियाणा से उत्तराखंड पहुंचते हैं. वहीं, 27% श्रद्धालु उत्तर प्रदेश से सावन पर कांवड़ लेने आते हरिद्वार आते हैं.

Last Updated : Jul 23, 2021, 8:00 PM IST
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