हरिद्वार: कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री धाम के रावल गंगोत्री से गंगा कलश यात्रा लेकर मंगलवार शाम को हरिद्वार पहुंचे, जहां उनका निरंजनी अखाड़े के सचिव और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने स्वागत किया. इस मौके पर निरंजनी अखाड़े कई संतों के अलावा निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि और शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम भी मौजूद रहे.
बुधवार सुबह को पूजा-अर्चना होने के बाद पूरे विधि-विधान से ये कलश यात्रा पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू नेपाल के लिए रवाना होगी. वहां पर भगवान पशुपतिनाथ गंगोत्री से आए गंगाजल से अभिषेक किया जाएगा. वैदिक परंपरा के अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री धाम के रावल कलश में गंगाजल भरकर कलश यात्रा लेकर पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल जाते हैं, जहां भगवान पशुपतिनाथ का इससे जलाभिषेक किया जाता है.
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उसी परंपरा के तहत गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश गंगा कलश यात्रा लेकर मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे. इस अवसर पर गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश ने बताया कि ऐसी परंपरा रही है कि हर साल कपाट बंद होने के बाद गंगाजल कलश गंगोत्री के रावल द्वारा पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू ले जाया जाता है. जिस परंपरा का निर्वहन करते हुए आज उनके द्वारा गंगा कलश हरिद्वार लाया गया.
निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने कहा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि गंगोत्री धाम से आये गंगा कलश के स्वागत करने का उन्हें अवसर मिल रहा है. बुधवार को यह गंगा कलश अखाड़े में पूरे विधि विधान से पूजन के बाद पशुपतिनाथ मंदिर के लिए रवाना होगा.