हरिद्वार: गंगनहर बंद होने के बाद कुंभ मेला प्रशासन ने गंगा में उतर कर सफाई अभियान चलाया. इस मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत समेत पूरा कुंभ मेला प्रशासन गंगा सफाई में जुटा रहा. कुंभ मेला कार्यों के लिए इस बार तय समय से 10 दिन पहले ही गंगनहर बंद की गई है. जिसके बाद मेला प्रशासन ने तमाम सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं से गंगा सफाई की अपील की थी. जिसके तहत आज गंगा सफाई अभियान की शुरुआत की गई.
इस मौके पर गंगा में फेंके गए कपड़े, पॉलिथीन और टूटी मूर्तियों को निकाला गया. गंगा सफाई अभियान में नगर निगम के कर्मचारी भी जुटे है. मेलाधिकारी के अनुसार यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे आगामी कुंभ में तीर्थयात्रियों को स्वच्छता का अनुभव हो सके.
पढ़ें: कोरोना को लेकर बुलाई बैठक में अधिकारियों पर भड़के व्यापारी, जानें क्या है मामला
मेला अधिकारी दीपक रावत ने गंगा बंदी के दौरान चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया. हरकी पैड़ी से पास स्थित कांगड़ा घाट पर चल रहे कार्य का निरीक्षण करते हुए दीपक रावत मेला अधिकारी ने कई खामियां पाई. मौके पर मौजूद ठेकेदार को फटकार तक लगाई साथ ही मौके पर लेबर की कमी पाने पर दीपक रावत ने ठेकेदार को लेबर बढ़ाने और अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि दिन में कम से कम तीन से चार बार चल रहे कार्यों का निरीक्षण करें. मेला अधिकारी ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि किसी भी कार्य में ढिलाई नहीं बरती जाएगी.
यह अभियान हरकी पैड़ी, ऋषिकुल, विशवकर्मा, गोविंद नगर और प्रेमनगर घाट पर चलाया गया. संस्थाओं को सफाई के लिए घाट पहले ही आवंटित कर दिए गए थे. यह अभियान गंगा बंदी के खुलने तक एक महीने के लिये चलाया जाएगा. प्रशासन ने इस अवधि में हरिद्वार के सभी घाटों को साफ करने का लक्ष्य रखा है.