रुड़की: इब्राहिमपुर गांव में सोमवार रात बेटियों ने अपने पति के साथ मिलकर सौतेली विधवा मां की हत्या कर दी थी. इस मामले में शव के पोस्टमार्टम के विरोध में मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने मोर्चरी के बाहर जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि उन्हें जानकारी दिए बिना ही शव का पोस्टमार्टम किया गया है. इस वजह से गुस्साए परिजनों ने शव लेने से इनकार करते हुए पुलिस और डॉक्टरों पर मिलीभगत का आरोप लगाया.
दरअसल, सोमवार को पुलिस ने मृतका के सौतले दामाद उसकी पत्नी और साली को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद पुलिस ने मृतका संजू के शव को कब्जे में लेकर रुड़की के सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया था. इसके बाद देर रात 4 डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया और उसकी वीडियो ग्राफी भी करायी थी. लेकिन परिजनों का आरोप है कि उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया.
मंगलवार सुबह मृतका के परिजनों को जैसे ही पता चला की शव का पोस्टमार्टम हो गया है तो वो आगबबूला हो गए. उन्होंने मोर्चरी के हंगामा करते हुए शव को अपने साथ ले जाने से इनकार कर दिया. पुलिस और डॉक्टरों पर मिलीभगत कर पोस्टमार्टम करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने घंटों हो-हल्ला किया.
हंगामा बढ़ते देख कोतवाली प्रभारी और एसएसआई रंजीत तोमर ने मोर्चा संभालते हुए मृतका के परिजनों और ग्रामीणों को शांत करवाया. मामले को समझने के बाद संजू के शव को ग्रामीण और परिजन अपने साथ ले गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. बता दें कि मामले में मृतका के दामाद और बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. वहीं विधवा महिला की दूसरी बेटी के नाबालिग होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है.