लक्सर: लोगों की समस्याओं को लेकर सरकार के मातहत कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी हरिद्वार के लक्सर तहसील दिवस में देखने को मिली. जहां तहसील दिवस महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. जन शिकायतों को लेकर संबंधित अधिकारी गंभीर नहीं है. जिसके चलते फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर तहसील दिवस पर नहीं पहुंच रहे हैं. बीते दिन आयोजित तहसील दिवस में ना एसडीएम और ना ही तहसीलदार मौजूद थे. नायब तहसीलदार द्वारा जन शिकायतों को सुना गया. इस दौरान 11 जन शिकायतें दर्ज हुई. जिनमें से महज एक शिकायत का निस्तारण हो सका.
लोगों को अपनी समस्याओं के निस्तारण को लेकर विभागों के चक्कर न काटने पड़े. फरियादियों की सुविधाओं के लिए तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है. जिसमें माह के पहले मंगलवार को जिलाधिकारी जिले के तमाम अधिकारियों के साथ लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण करते हैं. जबकि तीसरे मंगलवार को तहसील मुख्यालय पर एसडीएम अथवा तहसीलदार जन शिकायत सुनकर उनका निस्तारण करते हैं. लेकिन लक्सर में प्रशासनिक अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं. जिसके चलते तहसील दिवस में जन शिकायत लेकर पहुंचने वाले फरियादियों की संख्या लगातार घट रही है.
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बीते दिन लक्सर तहसील मुख्यालय पर आयोजित तहसील दिवस में न तो एसडीएम मौजूद थे और नहीं तहसीलदार. नायब तहसीलदार द्वारा जन शिकायतें सुनी गई. इस दौरान आई 11 शिकायतों में से महज एक शिकायत का निस्तारण हो सका. नायब तहसीलदार अनिल कांबोज ने बताया कि तहसील दिवस में 11 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिनमें से एक शिकायत का मौके पर निस्तारण कर दिया गया है. शेष शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजा गया है. तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि वह जिला मुख्यालय पर इलेक्शन ट्रेनिंग में गए थे और एसडीएम भी किसी कार्य से क्षेत्र से बाहर थे. जिसके चलते नायब तहसीलदार द्वारा जन शिकायतें सुनी गई.