हरिद्वार: अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चल रही विवेचना में लापरवाही बरतने वाले अधीनस्थों के खिलाफ एसएसपी अजय सिंह सख्त नजर आ रहे हैं. नाबालिग से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के मामले की विवेचना में लापरवाही सामने आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सिडकुल थाने में तैनात एक और महिला उप निरीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. शिथिलता और लापरवाही बरतने पर दारोगा निशा सिंह को निलंबित कर दिया है. इस महिला निरीक्षक के खिलाफ महिला अधिवक्ता ने भी दबाव में आकर काम करने का संगीन आरोप एसएसपी के समक्ष प्रस्तुत होकर लगाया था, जिसकी जांच चल रही थी.
एसएसपी अजय सिंह ने एक दिन पहले ही अपराध समीक्षा बैठक में सभी कोतवाली-थाना प्रभारियों को चेताया था कि विवेचना में ढील न बरती जाए. ऐसा सामने आने पर कार्रवाई होनी तय है. वहीं, पॉक्सो अधिनियम में दर्ज मुकदमे की विवेचना में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने के तथ्य मिलने के बाद एसएसपी का पारा चढ़ गया. उन्होंने सिडकुल थाने में तैनात महिला उप निरीक्षक निशा सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. जबकि इससे पहले पिछले महीने 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर दर्ज, शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले की विवेचना में लापरवाही बरतने पर महिला दारोगा ललिता चुफाल को सस्पेंड कर दिया था.
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वहीं महिला अधिवक्ता से छेड़छाड़ व व्हाट्सएप ग्रुप पर अश्लील मैसेज के मुकदमे में भी विवेचक निशा द्वारा जानबूझकर की गई भारी लापरवाही अधिवक्ता गण द्वारा दिए गए शपथ पत्र में आरोपी व्यक्तियों को ही चार्जशीट में सूची गवाह बना दिया गया था. पीड़िता की गवाह महिला अधिवक्ता ने दिनांक 2 दिसंबर को एसएसपी हरिद्वार को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था. बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच चल रही है.