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किशोरी अपहरण मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, दोषी को 3 साल का कारावास - fast track special court

रुड़की में किशोरी अपहरण मामले में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 15 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया.

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Published : Oct 13, 2022, 9:24 PM IST

रुड़की: फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (fast track special court) ने किशोरी अपहरण मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. न्यायालय ने दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है. यदि दोषी जुर्माना नहीं अदा करता है तो उसे 6 माह अतिरिक्त कारावास काटना होगा. न्यायालय ने कहा कि 15 हजार रुपये का अर्थदंड में से 10 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के तौर पर देने होंगे.

शासकीय अधिवक्ता विवेक कुश ने कहा कि 28 जनवरी 2017 को 15 वर्षीय किशोरी घर से लापता हो गई थी. परिजनों ने मामले में समीर, निवासी बंदा रोड रुड़की के खिलाफ अपहरण समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर अपहृत किशोरी को बरामद कर लिया था. साथ ही आरोपी का चालान कर उसे जेल भेज दिया था.
ये भी पढ़ें: कुंडा गोलीकांड: पीड़ित परिजनों से मिले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में चली. पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूत, पीड़िता और उसके परिजनों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी समीर को दोषी करार दिया. फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान ने आरोपी समीर को किशोरी के अपहरण के आरोप में तीन साल की कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को 6 माह अतिरिक्त कारावास काटना होगा.

रुड़की: फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (fast track special court) ने किशोरी अपहरण मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. न्यायालय ने दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है. यदि दोषी जुर्माना नहीं अदा करता है तो उसे 6 माह अतिरिक्त कारावास काटना होगा. न्यायालय ने कहा कि 15 हजार रुपये का अर्थदंड में से 10 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के तौर पर देने होंगे.

शासकीय अधिवक्ता विवेक कुश ने कहा कि 28 जनवरी 2017 को 15 वर्षीय किशोरी घर से लापता हो गई थी. परिजनों ने मामले में समीर, निवासी बंदा रोड रुड़की के खिलाफ अपहरण समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर अपहृत किशोरी को बरामद कर लिया था. साथ ही आरोपी का चालान कर उसे जेल भेज दिया था.
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इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में चली. पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूत, पीड़िता और उसके परिजनों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी समीर को दोषी करार दिया. फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान ने आरोपी समीर को किशोरी के अपहरण के आरोप में तीन साल की कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को 6 माह अतिरिक्त कारावास काटना होगा.

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