रुड़की: हरिद्वार के रुड़की प्रशासनिक भवन में भारतीय किसान यूनियन रोड के किसानों ने पंचायत (Farmers held panchayat in Roorkee) का आयोजन किया. पंचायत में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने शिरकत की. पंचायत में भारतीय किसान यूनियन रोड के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी पदम सिंह रोड (Chaudhary Padam Singh Road) भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो आने वाली 4 नवंबर को एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
रुड़की के प्रशासनिक भवन में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन रोड के किसानों ने एक पंचायत का आयोजन किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन रोड के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी पदम सिंह रोड ने बताया कि किसानों के लगातार हो रहे उत्पीड़न को लेकर पंचायत आयोजित की गई है और इसमें आगामी रणनीति भी बनाई गई है.
उन्होंने बताया कि किसानों का सरकार द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. किसान भुखमरी की कगार पर आ गये हैं. किसानों का गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है. साथ ही चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और विद्युत विभाग भी किसानों पर अनावश्यक रूप से जुर्माने थोप रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों का तहसील में भी उत्पीड़न किया जा रहा है. अगर कोई किसान अपनी जमीन की नकल लेने भी जाता है तो पटवारी भी बिना पैसे लिए नकल नहीं देता है.
ये भी पढ़ेंः देहरादून के कोटी ढलानी जंगल में रास्ता भटके पांच ट्रेकर, SDRF ने रात में किया रेस्क्यू
उन्होंने कहा कि पंचायत के दौरान एसडीएम रुड़की को भी बुलवाया गया था और उन्हें ज्ञापन सौंपकर सभी समस्याओं से अवगत कराया गया है. उन्होंने बताया कि आगामी 4 नवंबर को अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक का आयोजन किया जाएगा. अगर बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो एक बड़ा आंदोलन किसानों द्वारा किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी है कि किसानों द्वारा तहसील की तालाबंदी कर हजारों की संख्या में किसान रुड़की शहर में चक्का जाम करने का काम करेंगे.
लक्सर में किसानों का प्रदर्शनः भारतीय किसान यूनियन क्रांति के कार्यकर्ताओं ने भी लक्सर कोतवाली मोड़ से तहसील तक ट्रैक्टरों के माध्यम से जुलूस निकाला और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. भारतीय किसान यूनियन क्रांति के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि किसान काफी परेशान हैं. तहसील के अंदर लेखपालों की कमी के कारण तहसील में भ्रष्टाचार बढ़ गया है.
किसानों से सरकार से सब्सिडी पर मिल रहे कृषि यंत्र प्रक्रिया में हुआ बदलाव वापस लेने, खतौनी के आधार पर किसानों को किसी भी यंत्र लेने का अधिकार पूर्व की भांति, किसानों को 90% सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध होने की मांग भी की है. इसके अलावा उन्होंने किसान मजदूर एक्सीडेंटल बीमा 5 लाख का मुफ्त कराने की भी मांग है.