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कुंभ फर्जी कोविड रिपोर्ट: हरिद्वार सहित तीन राज्यों में ED का छापा, 30 लाख नकद, फर्जी बिल बरामद

हरिद्वार स्थिति प्रेम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में ईडी ने छापा मारा. ईडी की कार्रवाई कई घंटे तक चली. इस छापे में ईडी ने 30.9 लाख से अधिक की नकदी, लैपटॉप और कुछ फर्जी बिल भी बरामद किए हैं. उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी छापा मारा गया है.

ED raids Prem Hospital and Research Center
ED का छापा
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Published : Aug 6, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 2:02 PM IST

हरिद्वार: प्रेम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई मामलों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा. ईडी ने इस दौरान घंटों छापेमारी की. बता दें कि यह हॉस्पिटल हरिद्वार की जानी-मानी डॉक्टर संध्या शर्मा का है. इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई उत्तराखंड सहित दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में की गई थी.

गौर हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (6 अगस्त) को हरिद्वार में हाल ही में आयोजित कुंभ मेले के दौरान हुई कथित फर्जी COVID परीक्षण धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में 5 अलग-अलग शहरों में 5 प्रयोगशालाओं के कार्यालयों पर छापा मारा. बताया जा रहा है कि ईडी ने हरिद्वार में एक लैब से 30.9 लाख की नकदी, लैपटॉप और कुछ फर्जी बिल भी बरामद किए हैं. ईडी ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि एक ही मोबाइल और एक ही पते के साथ कई लोगों की टेस्टिंग की गई जो पूरी तरह से फर्जी है. बताया जा रहा है कि इन तमाम लैब ने अबतक सरकार से 3.4 करोड़ से अधिक का भुगतान भी कर लिया है.

पढ़ें- EXCLUSIVE: हरिद्वार कुंभ में जिस लैब ने किए लाखों टेस्ट, उसका पता निकला फर्जी

छापेमारी के ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए नकली कोविड टेस्ट के कारण उस समय हरिद्वार में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट वास्तविक 5.3 प्रतिशत के मुकाबले 0.18 प्रतिशत थी. ईडी ने कहा, 'इन लैब्स ने शायद ही कोई COVID टेस्ट (रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट) किया हो, लेकिन COVID टेस्टिंग के लिए फर्जी एंट्री की और अवैध वित्तीय लाभ कमाने के लिए फर्जी बिल बनाए.'

ईडी ने बताया कि वास्तविक टेस्ट के बिना संख्याओं को बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों के लिए एक ही मोबाइल नंबर, पते और एक नमूना रेफरल फॉर्म (एसआरएफ) का उपयोग किया गया. टेस्ट उन व्यक्तियों के नाम पर किया गया था, जो कुंभ मेले के लिए हरिद्वार भी नहीं गए थे. प्रवर्तन निदेशालय और खुफिया एजेंसी ने उत्तराखंड पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है.

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, जांच से पता चला है कि इन प्रयोगशालाओं से इस साल कुंभ मेले के दौरान COVID परीक्षण के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर परीक्षण करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अनुबंध किया गया था. ईडी ने कहा कि मामले के संबंध में छापेमारी अभी जारी है और आगे की जांच जारी है.

उधर, हरिद्वार सीएमओ की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम में दो जांचें चल रही हैं. ईडी और एसआईटी दोनों मिलकर इसमें जांच कर रही हैं, जो भी दोषी होगा उन पर कार्रवाई की जाएगी.

यहां की गई छापेमारी: देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में निदेशकों के आवासों के साथ-साथ पांच फर्मों- नोवस पाथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ लाल चंदानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और नलवा लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की गई.

हरिद्वार: प्रेम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई मामलों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा. ईडी ने इस दौरान घंटों छापेमारी की. बता दें कि यह हॉस्पिटल हरिद्वार की जानी-मानी डॉक्टर संध्या शर्मा का है. इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई उत्तराखंड सहित दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में की गई थी.

गौर हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (6 अगस्त) को हरिद्वार में हाल ही में आयोजित कुंभ मेले के दौरान हुई कथित फर्जी COVID परीक्षण धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में 5 अलग-अलग शहरों में 5 प्रयोगशालाओं के कार्यालयों पर छापा मारा. बताया जा रहा है कि ईडी ने हरिद्वार में एक लैब से 30.9 लाख की नकदी, लैपटॉप और कुछ फर्जी बिल भी बरामद किए हैं. ईडी ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि एक ही मोबाइल और एक ही पते के साथ कई लोगों की टेस्टिंग की गई जो पूरी तरह से फर्जी है. बताया जा रहा है कि इन तमाम लैब ने अबतक सरकार से 3.4 करोड़ से अधिक का भुगतान भी कर लिया है.

पढ़ें- EXCLUSIVE: हरिद्वार कुंभ में जिस लैब ने किए लाखों टेस्ट, उसका पता निकला फर्जी

छापेमारी के ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए नकली कोविड टेस्ट के कारण उस समय हरिद्वार में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट वास्तविक 5.3 प्रतिशत के मुकाबले 0.18 प्रतिशत थी. ईडी ने कहा, 'इन लैब्स ने शायद ही कोई COVID टेस्ट (रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट) किया हो, लेकिन COVID टेस्टिंग के लिए फर्जी एंट्री की और अवैध वित्तीय लाभ कमाने के लिए फर्जी बिल बनाए.'

ईडी ने बताया कि वास्तविक टेस्ट के बिना संख्याओं को बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों के लिए एक ही मोबाइल नंबर, पते और एक नमूना रेफरल फॉर्म (एसआरएफ) का उपयोग किया गया. टेस्ट उन व्यक्तियों के नाम पर किया गया था, जो कुंभ मेले के लिए हरिद्वार भी नहीं गए थे. प्रवर्तन निदेशालय और खुफिया एजेंसी ने उत्तराखंड पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है.

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, जांच से पता चला है कि इन प्रयोगशालाओं से इस साल कुंभ मेले के दौरान COVID परीक्षण के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर परीक्षण करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अनुबंध किया गया था. ईडी ने कहा कि मामले के संबंध में छापेमारी अभी जारी है और आगे की जांच जारी है.

उधर, हरिद्वार सीएमओ की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम में दो जांचें चल रही हैं. ईडी और एसआईटी दोनों मिलकर इसमें जांच कर रही हैं, जो भी दोषी होगा उन पर कार्रवाई की जाएगी.

यहां की गई छापेमारी: देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में निदेशकों के आवासों के साथ-साथ पांच फर्मों- नोवस पाथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ लाल चंदानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और नलवा लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की गई.

Last Updated : Aug 7, 2021, 2:02 PM IST
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