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देवभूमि के इन तीन मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड, महानिर्वाणी अखाड़े ने महिलाओं और युवतियों से की विशेष अपील

हरिद्वार के दक्ष, पौड़ी के नीलकंठ और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में महिलाओं के छोटे कपड़े पहनकर आने पर प्रतिबंध लगाया गया है. मंदिर प्रबंधन की तरफ से अपील की गई है कि वो मर्यादित ड्रेस कोड में ही मंदिर में आएं.

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Published : Jun 3, 2023, 2:22 PM IST

देवभूमि के इन तीन मंदिरों में लागू हुआ महिलाओं के लिए ड्रेस कोड

हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड के तीन बड़े मदिरों में महिलाओं और युवतियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है. इन तीनों मंदिरों में महिलाएं और युवतियां छोटे कपड़े पहन कर नहीं आ सकती हैं. ये तीनों मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के आधीन आते हैं. पहला मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और दूसरा पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है. वहीं तीसरा मंदिर देहरादून में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर है.

महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों के अपील की गई है कि अगर वो मंदिर पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं. तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा. महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े की ओर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि देवालय एक आत्मरंजन का स्थान है न कि मनोरंजन का.
पढ़ें- बैजनाथ शिव मंदिर पोशाक विवाद पर कंगना रनौत का ट्वीट, कहा-ऐसे मूर्खों के लिए होने चाहिए सख्त नियम

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे कम से कम 80 % अंग ठक कर ही मंदिरों में आएं. उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है. अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है. ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े. बता दें कि यूपी के भी कई मंदिरों ने इस तरह के नियम लागू किए गए हैं.

देवभूमि के इन तीन मंदिरों में लागू हुआ महिलाओं के लिए ड्रेस कोड

हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड के तीन बड़े मदिरों में महिलाओं और युवतियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है. इन तीनों मंदिरों में महिलाएं और युवतियां छोटे कपड़े पहन कर नहीं आ सकती हैं. ये तीनों मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के आधीन आते हैं. पहला मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और दूसरा पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है. वहीं तीसरा मंदिर देहरादून में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर है.

महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों के अपील की गई है कि अगर वो मंदिर पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं. तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा. महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े की ओर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि देवालय एक आत्मरंजन का स्थान है न कि मनोरंजन का.
पढ़ें- बैजनाथ शिव मंदिर पोशाक विवाद पर कंगना रनौत का ट्वीट, कहा-ऐसे मूर्खों के लिए होने चाहिए सख्त नियम

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे कम से कम 80 % अंग ठक कर ही मंदिरों में आएं. उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है. अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है. ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े. बता दें कि यूपी के भी कई मंदिरों ने इस तरह के नियम लागू किए गए हैं.

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