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गंगा घाटों के रखरखाव के लिए नई योजना तैयार, गोद देने के साथ ही नाम भी होगा अलग - हरिद्वार डीएम सी रविशंकर

हरिद्वार के गंगा घाटों के रखरखाव अब विभिन्न संस्था करेंगे. जबकि, घाट के नाम भी तीन साल के लिए उन्हीं संस्था के नाम पर होगी. माना जा रहा है कि इस योजना से घाट का रखरखाव होने के साथ ही गंगा प्रदूषित होने से भी बचेगी.

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गंगा घाटों की रखरखाव
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Published : Oct 28, 2020, 6:50 PM IST

हरिद्वारः आगामी 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. जिसके मद्देनजर हरिद्वार में निर्माण कार्य जोरों पर है. साथ ही मेले के स्वरूप को भव्यता प्रदाने के करने की कोशिश की जा रही है. इस कड़ी में गंगा किनारे बने तमाम घाटों के रखरखाव के लिए जिला प्रशासन ने नई योजना तैयार की है. इस योजना के तहत घाटों को संस्थाओं को गोद दिया जाएगा. जिस संस्था के पास इसकी जिम्मेदारी होगी, तीन साल के लिए उसी के नाम पर घाट का नाम रखा जाएगा.

गंगा घाटों के रखरखाव के लिए नई योजना तैयार.

मेला नियंत्रण भवन में प्रेस वार्ता के दौरान जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि कुछ घाटों के रखरखाव के लिए कई संस्थाओं से बात चल रही है. इन संस्थाओं की ओर से घाटों को गोद दिया जाएगा. इसके लिए कई नियम व शर्तें रखी जाएंगी. इसके लिए संस्था कुछ धनराशि भी जिला प्रशासन को देगी. इस धनराशि से देखरेख के लिए घाट पर एक कर्मचारी की तैनाती की जाएगी. जिसके पास घाट की साफ सफाई की जिम्मेदारी रहेगी. इसके पास एक वॉकी-टॉकी भी रहेगी, जो कहीं कोई गड़बड़ी होने पर वह सीधे कंट्रोल रूम में शिकायत करेगा.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ में रंग बिरंगे फूलों से होगा श्रद्धालुओं का स्वागत, तैयारी में जुटा मेला प्रशासन

वहीं, उन्होंने बताया की इस योजना से घाट का रखरखाव तो होगा ही साथ ही गंगा प्रदूषित होने से भी बचेगी. माना जा रहा है कि यह योजना गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगी. डीएम सी. रविशंकर ने बताया कि इस योजना के तहत घाटों की साफ-सफाई व गंगा में गंदगी जाने से भी बचेगी. इस योजना के लिए जल्द ही संस्थाओं का चुना जाएगा. जिसमे धार्मिक संस्थाओं को महत्व दिया जा सके.

हरिद्वारः आगामी 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. जिसके मद्देनजर हरिद्वार में निर्माण कार्य जोरों पर है. साथ ही मेले के स्वरूप को भव्यता प्रदाने के करने की कोशिश की जा रही है. इस कड़ी में गंगा किनारे बने तमाम घाटों के रखरखाव के लिए जिला प्रशासन ने नई योजना तैयार की है. इस योजना के तहत घाटों को संस्थाओं को गोद दिया जाएगा. जिस संस्था के पास इसकी जिम्मेदारी होगी, तीन साल के लिए उसी के नाम पर घाट का नाम रखा जाएगा.

गंगा घाटों के रखरखाव के लिए नई योजना तैयार.

मेला नियंत्रण भवन में प्रेस वार्ता के दौरान जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि कुछ घाटों के रखरखाव के लिए कई संस्थाओं से बात चल रही है. इन संस्थाओं की ओर से घाटों को गोद दिया जाएगा. इसके लिए कई नियम व शर्तें रखी जाएंगी. इसके लिए संस्था कुछ धनराशि भी जिला प्रशासन को देगी. इस धनराशि से देखरेख के लिए घाट पर एक कर्मचारी की तैनाती की जाएगी. जिसके पास घाट की साफ सफाई की जिम्मेदारी रहेगी. इसके पास एक वॉकी-टॉकी भी रहेगी, जो कहीं कोई गड़बड़ी होने पर वह सीधे कंट्रोल रूम में शिकायत करेगा.

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वहीं, उन्होंने बताया की इस योजना से घाट का रखरखाव तो होगा ही साथ ही गंगा प्रदूषित होने से भी बचेगी. माना जा रहा है कि यह योजना गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने में भी महत्वपूर्ण साबित होगी. डीएम सी. रविशंकर ने बताया कि इस योजना के तहत घाटों की साफ-सफाई व गंगा में गंदगी जाने से भी बचेगी. इस योजना के लिए जल्द ही संस्थाओं का चुना जाएगा. जिसमे धार्मिक संस्थाओं को महत्व दिया जा सके.

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