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भाजपा नेता सुबोध राकेश के BSP में जाने की चर्चाएं तेज, बढ़ सकती हैं BJP की मुश्किलें

भगवानपुर सीट पर BJP की मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी नेता सुबोध राकेश बीजेपी छोड़ बसपा में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है. 2017 के चुनाव में सुबोध राकेश कांग्रेस प्रत्याशी से मात्र 2513 वोटों से हारे थे.

roorkee
रुड़की
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Published : Dec 15, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Dec 15, 2021, 11:04 AM IST

रुड़की: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे दल बदलने का खेल तेज हो गया है. हरिद्वार के भगवानपुर विधानसभा में एक बार फिर दलबदल की राजनीति देखने को मिल रही है. इन दिनों बीजेपी नेता सुबोध राकेश के हाथी पर सवार होने की चर्चाएं जोरों पर हैं. अगर ऐसा होता है भगवानपुर विधानसभा में बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है.

सुबोध राकेश का कहना है कि बीजेपी के पास भगवानपुर में कई बड़े नेता हैं, जो बीजेपी को चुनाव जिता सकते हैं, सुबोध राकेश के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि वह अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं. सुबोध राकेश के बसपा में जाने की चर्चाओं से भगवानपुर सीट पर भाजपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी से बीजेपी प्रत्याशी को मिली हार के आंकड़ों ज्यादा नहीं थे.

भाजपा नेता सुबोध राकेश के BSP में जाने की चर्चाएं तेज

भगवानपुर सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमिः 2015 में भगवानपुर से विधायक व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की 7 फरवरी 2015 को कैंसर के चलते मौत हो गई थी. विधायक की मौत के बाद 2015 में ही भगवानपुर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने दिवंगत सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी राजपाल के हराकर जीत हासिल की. इस दौरान सुरेंद्र राकेश के भाई सुबोध राकेश ने अपनी भाभी ममता राकेश का साथ दिया. लेकिन इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सुबोध राकेश ने बीजेपी का दामन थामा और अपनी ही भाभी ममता राकेश के खिलाफ चुनाव लड़े. इस चुनाव में सुबोध राकेश को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, हार का आंकड़ा मात्र 2513 वोट था.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत के बयान पर मंत्री यतीश्वरानंद का पलटवार, जनता को बरगलाने का लगाया आरोप

दल बदलना जनता के हित में नहींः भगवानपुर सीट से विधायक ममता राकेश का कहना है कि भगवानपुर की जनता सबकुछ जानती है. इसलिए चुनाव के नजदीक आते ही अपने स्वार्थ के लिए दूसरे दलों में शामिल होना जनता के हित में नहीं है. इसका जवाब जनता 2022 विधानसभा चुनाव में देगी.

कांग्रेस के लिए जीत दोहराना होगा मुश्किलः राजनीतिक विशेषज्ञ देशप्रेमी कहते हैं कि सुबोध राकेश के बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने पर कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक काफी हद तक बसपा के पाले में आ सकता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस विधायक के लिए भगवानपुर से जीत दोहराना आसान नहीं होगा.

रुड़की: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे दल बदलने का खेल तेज हो गया है. हरिद्वार के भगवानपुर विधानसभा में एक बार फिर दलबदल की राजनीति देखने को मिल रही है. इन दिनों बीजेपी नेता सुबोध राकेश के हाथी पर सवार होने की चर्चाएं जोरों पर हैं. अगर ऐसा होता है भगवानपुर विधानसभा में बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है.

सुबोध राकेश का कहना है कि बीजेपी के पास भगवानपुर में कई बड़े नेता हैं, जो बीजेपी को चुनाव जिता सकते हैं, सुबोध राकेश के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि वह अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं. सुबोध राकेश के बसपा में जाने की चर्चाओं से भगवानपुर सीट पर भाजपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी से बीजेपी प्रत्याशी को मिली हार के आंकड़ों ज्यादा नहीं थे.

भाजपा नेता सुबोध राकेश के BSP में जाने की चर्चाएं तेज

भगवानपुर सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमिः 2015 में भगवानपुर से विधायक व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की 7 फरवरी 2015 को कैंसर के चलते मौत हो गई थी. विधायक की मौत के बाद 2015 में ही भगवानपुर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने दिवंगत सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी राजपाल के हराकर जीत हासिल की. इस दौरान सुरेंद्र राकेश के भाई सुबोध राकेश ने अपनी भाभी ममता राकेश का साथ दिया. लेकिन इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सुबोध राकेश ने बीजेपी का दामन थामा और अपनी ही भाभी ममता राकेश के खिलाफ चुनाव लड़े. इस चुनाव में सुबोध राकेश को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, हार का आंकड़ा मात्र 2513 वोट था.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत के बयान पर मंत्री यतीश्वरानंद का पलटवार, जनता को बरगलाने का लगाया आरोप

दल बदलना जनता के हित में नहींः भगवानपुर सीट से विधायक ममता राकेश का कहना है कि भगवानपुर की जनता सबकुछ जानती है. इसलिए चुनाव के नजदीक आते ही अपने स्वार्थ के लिए दूसरे दलों में शामिल होना जनता के हित में नहीं है. इसका जवाब जनता 2022 विधानसभा चुनाव में देगी.

कांग्रेस के लिए जीत दोहराना होगा मुश्किलः राजनीतिक विशेषज्ञ देशप्रेमी कहते हैं कि सुबोध राकेश के बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने पर कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक काफी हद तक बसपा के पाले में आ सकता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस विधायक के लिए भगवानपुर से जीत दोहराना आसान नहीं होगा.

Last Updated : Dec 15, 2021, 11:04 AM IST
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