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हरिद्वार में दीपेंद्र चौधरी ने ली दीपक रावत की जगह, संभाला DM पद का चार्ज

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Published : Jun 29, 2019, 11:54 PM IST

नवनियुक्त जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने हरिद्वार का पदभार संभाल लिया है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता शहर में स्नान पर्व, अवैध खनन, कांवड़ यात्रा समेत आगामी 2021 में महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना है.

dipendra chaudhary

हरिद्वारः दीपेंद्र चौधरी ने नवनियुक्त जिलाधिकारी के रूप में शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है. पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत के मेला अधिकारी बनने के बाद दीपेंद्र चौधरी को हरिद्वार की कमान सौंपी गई है. पदभार संभालते ही जिला अधिकारी चौधरी ने तमाम अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर में बड़े स्नान पर्व, अवैध खनन, कांवड़ यात्रा समेत आगामी 2021 में महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना उनकी पहली प्राथमिकता है.

नवनियुक्त जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने हरिद्वार का पदभार संभाला.

नवनियुक्त जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि हरिद्वार एक धार्मिक नगरी है. यहां पर पर्व के मौके पर कई बड़े स्नान भी आयोजित होते हैं. इस वजह से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. इसे देखते हुए यहां की ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना पहली प्राथमिकता रहेगी. साथ ही कहा कि शहर में चल रहे विकास कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. स्थानीय जनता की समस्याओं को भी दूर करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है.

ये भी पढ़ेंः प्लास्टिक का गुलदस्ता देखते ही भड़के हरक सिंह, सीएम को पसंद आया अंदाज

डीएम चौधरी ने कहा कि रविवार को खनन कार्य करने का आखिरी दिन है. अब जिले में खनन कार्य बंद हो जाएगा. इसके बाद अवैध खनन ना हो इसके लिए प्रशासन कड़ी नजर रखेगा. पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर जिले में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला हमेशा ही प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. मेले को लेकर एसएसपी के साथ बैठक की जाएगी. मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. जिससे यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

हरिद्वारः दीपेंद्र चौधरी ने नवनियुक्त जिलाधिकारी के रूप में शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है. पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत के मेला अधिकारी बनने के बाद दीपेंद्र चौधरी को हरिद्वार की कमान सौंपी गई है. पदभार संभालते ही जिला अधिकारी चौधरी ने तमाम अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर में बड़े स्नान पर्व, अवैध खनन, कांवड़ यात्रा समेत आगामी 2021 में महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना उनकी पहली प्राथमिकता है.

नवनियुक्त जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने हरिद्वार का पदभार संभाला.

नवनियुक्त जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि हरिद्वार एक धार्मिक नगरी है. यहां पर पर्व के मौके पर कई बड़े स्नान भी आयोजित होते हैं. इस वजह से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. इसे देखते हुए यहां की ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना पहली प्राथमिकता रहेगी. साथ ही कहा कि शहर में चल रहे विकास कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. स्थानीय जनता की समस्याओं को भी दूर करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है.

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डीएम चौधरी ने कहा कि रविवार को खनन कार्य करने का आखिरी दिन है. अब जिले में खनन कार्य बंद हो जाएगा. इसके बाद अवैध खनन ना हो इसके लिए प्रशासन कड़ी नजर रखेगा. पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर जिले में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला हमेशा ही प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. मेले को लेकर एसएसपी के साथ बैठक की जाएगी. मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. जिससे यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

Intro:summary_ ऑपरेशन मुक्ति के तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षा से मुक्त कराकर दी गई नई जिंदगी, देहरादून पुलिस ने तीन चरणों में अभियान को पूरा कर 292 भिक्षावृत्ति बच्चों को कराया गया पुनर्वास। नई जिंदगी पाकर मासूम बच्चों ने मित्र पुलिस का किया धन्यवाद।

देहरादून उत्तराखंड पुलिस विभाग द्वारा ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत सैकड़ों बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर पुनर्वास अभियान तीन चरणों में पूरा कर लिया गया है। 1 अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 तक चलाये गए दो माह के इस अभियान अभियान मुक्ति के तहत अलग अलग सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर देहरादून पुलिस द्वारा गरीब तबके के बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर उनको नहीं जिंदगी के रूप में स्कूलों में शिक्षा देने के साथ पुनर्वास कराया गया है। उधर भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाकर जीवन की मुख्यधारा में जुड़ने वाले बच्चों ने मित्र पुलिस को धन्यवाद करते हुए अपना खुशी का इजहार किया।

तीन चरणों में पूरा किया गया ऑपरेशन मुक्ति

पहले चरण के तहत "ऑब्जरवेशन पीरियड" में ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया जो सड़कों पर रेलवे स्टेशन बस अड्डों पर आदि स्थानों में भीख माँगते थे। दूसरे चरण "अवेयरनेस व एनफोर्समेंट पीरियड के दौरान अलग-अलग स्थानों में प्रचार प्रसार के माध्यम से भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाने के लिए आम जनता से लेकर सामाजिक संस्थाओं को अभियान में जोड़कर ऑपरेशन मुक्ति को अमल में लाया गया। वही तीसरे चरण "इनफॉर्मेंट व रिहेबिलिटेशन पीरियड के दौरान चिन्हित किए गए सभी नाबालिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर अलग अलग स्कूलों में शिक्षा देने के साथ उनके पुनर्वास करने का कार्य किया गया।


Body:ऑपरेशन मुक्ति के तहत प्रथम चरण में 292 बयान वे बच्चों को भीख मांगने कूड़ा बीनने गुब्बारा बेचने आदि कार्यों से मुक्त कराकर स्कूली शिक्षा व पुनर्वास किया गया। पहले चरण में 67 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में एडमिशन दिलाए गया जबकि 42 बच्चे जिनकी परिवारिक आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण उन्हें आर्थिक सहायता दिलाने के साथ ही बालकल्याण अधिकार शिक्षण आयोग उत्तराखंड को रिपोर्ट प्रेषित की गई।

अभियान के तहत भिक्षावृत्ति को रोकने और जन जागरूकता अभियान के तहत अलग-अलग टीमों द्वारा पेम्पलेट, बैनर हार्डिंग जैसे माध्यमों से प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के साथ सभी भिक्षावृत्ति से जुड़े 292 बच्चों को जीवन के मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया गया।

नेत्रहीन बच्चों को भी मिली नई जिंदगी

ऑपरेशन मुक्ति अभियान के दौरान टीम की प्रभारी विनीता चौहान के संज्ञान में आए राजू नाम के नेत्रहीन बच्चे को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर उसके इच्छा अनुसार राष्ट्रीय दिव्यांगजन शक्ति संस्थान में कक्षा दो में दाखिला दिलाया गया.


Conclusion:ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत देहरादून के मलिन बस्तियों व अन्य स्थानों में रहने वाले बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ उनके माता-पिता को अलग-अलग रोजगार से लाभान्वित कराने का प्रयास भी किया गया। भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाने वाले बच्चों की शिक्षा निरंतर बनी रहे इसके लिए ऑपरेशन मुक्ति की टीम द्वारा अलग अलग सामाजिक संस्थाओं के साथ सामंजस्य बनाकर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।

ऑपरेशन मुक्ति के तहत 3 माह में संपन्न किए गए इस अभियान के तहत भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाकर जीवन की मुख्यधारा में जोड़ने वाले देहरादून पुलिस के इस सामाजिक कार्य में कई गैर संस्थाओं की भी अहम भूमिका रही। वहीं शनिवार भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाए गए 292 बच्चों को देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती के साथ शिष्टाचार भेंट कराते हुए उनके भविष्य की कार्ययोजना बनाई गई।

भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाए बच्चों ने मित्र पुलिस को कहा धन्यवाद मासूम बच्चों ने बताया कि वह टीचर और पुलिस बनना चाहते हैं


वही भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाकर स्कूली शिक्षा पाकर खुशी जताने वाले बच्चों ने ईटीवी भारत को बताया कि वह अब खुश है और वह भी बड़े होकर पुलिस बनना चाहते हैं। वहीं कुछ बच्चों ने कहा कि वह पढ़ लिख कर टीचर बनना चाहते हैं। दून पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति को लेकर मासूम बच्चों ने मित्र पुलिस का धन्यवाद प्रकट करते हुए अलग अलग तरह से अपनी खुशी का इजहार किया।

बाइट: छात्रा, भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाई बालिका
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बाइट -छात्रा,भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाई बालिका
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बाइट: छात्रा भिक्षावृत्ति से मुक्ति पाई बालिका


pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628





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