हरिद्वार: महर्षि धनवंतरी जयंती के उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ स्थित यज्ञशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि परिवार के साथ-साथ समस्त देशवासियों को महर्षि धनवंतरी जयंती की शुभकामनाएं दी. स्वामी रामदेव ने कहा कि दीपावली तथा होली हमारे मुख्य पर्व हैं जिनमें यज्ञों का विधान है.
दीपावली पर शारदीय नवसस्येष्ठी यज्ञ तथा होली पर फाल्गुनी नवसस्येष्ठी यज्ञ में धन्यों का आधन करने की परंपरा रही है. उन्होंने कहा कि योग केवल एक विषय नहीं है, अपितु सम्पूर्ण जीवन पद्धति है. योग करने वालों का चरित्र, दृष्टि, आचरण, वाणी तथा व्यवहार शुद्ध व पवित्र होता है. योग पर वैज्ञानिक प्रयोग यदि पूरी दुनिया में कहीं हो रहा है तो वह केवल पतंजलि में हो रहा है. उन्होंने कहा कि पतंजलि ने 20 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से योग की दीक्षा दी है. लगभग 400 करोड़ लोगों को योग से जोड़ने के लिए हम संकल्पित हैं.
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आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज आयुर्वेद के अवतार पुरुष महर्षि धनवंतरी की जयंती है. आज का दिन हमारे लिए परम स्मरणीय व वैभवशाली है. हम आयुर्वेद परंपरा के संवाहक हैं. पतंजलि के माध्यम से सृजन के अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें आयुर्वेद का संरक्षण-संवर्धन व प्रचार-प्रसार मुख्य है.