रुड़की: आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) और उत्तराखंड पुलिस के तत्वावधान में पिछले चार दिनों से चल रही देवभूमि साइबर हैकाथॉन प्रतियोगिता (Devbhoomi Cyber Hackathon Competition) का आज समापन हो गया. जिसमें उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे. इस दौरान इस प्रतियोगिता में बेहतर परफार्मेंस देनी वाली चार टीमों को पुरस्कृत भी किया गया.
इस मौके पर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा साइबर सिक्योरिटी (cyber security) और साइबर क्राइम (cyber crime) बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इसलिए अपराधियों को पकड़ने के लिए नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है. इसके लिए साइबर हैकाथॉन काम आता है. स्टूडेंट के नए-नए आईडिया के साथ समाधान ढूंढने में भी मदद मिलती है. इसलिए आईआईटी रुड़की और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (Information Technology Development Agency) और स्पेशल टास्क फोर्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
बता दें कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की (Indian Institute of Technology Roorkee) में चार दिवसीय देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022 (Devbhoomi Cyber Hackathon 2022) के लिए आईहब दिव्य संपर्क और उत्तराखंड पुलिस ने साझेदारी की है. देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022 के ग्रांड फिनाले के दौरान साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेन्ट एजेंसी, उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स और आईआईटी रुड़की के बीच एक समझौता भी हुआ है.
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उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा राज्य में स्मार्ट पुलिसिंग की हमारी पहल साइबर अपराध को कम करने में मदद करेगी. तकनीक पर बढ़ती निर्भरता के साथ साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है. मैं आईआईटी रुड़की के प्रति आभारी हूं. जिन्होंने हैकाथॉन के आयोजन के लिए उत्तराखंड पुलिस के साथ साझेदारी की है. ताकि, किसी भी संभावित खतरे को समय रहते पहचान कर कार्रवाई की जा सके.
आईआईटी रुड़की के निदेशक एके चतुर्वेदी ने कहा इस प्रतियोगिता में 1700 छात्रों की 810 टीमों ने पंजीकरण किया था. जिनमें से 40 टीमें ग्रांड फिनाले तक पहुंचीं. केंद्रीय एजेंसियों और राज्य पुलिस के अधिकारियों ने भी आयोजन में हिस्सा लिया. साइबर अपराधों की जांच में आने वाली बाधाओं को दूर करने, साइबर फॉरेंसिक के गहन विश्लेषण और राज्य में साइबर संपत्तियों के संरक्षण के लिए इस प्रतियोगिता को डिजाइन किया गया था.