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chaitra navratri 2023: नवरात्र के पहले दिन मां मनसा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ये है मंदिर की मान्यता - मां मनसादेवी

नवरात्री हिंदू धर्म का बहुत ही पवित्र त्यौहार है. जिसमें मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है. आज नवरात्री के पहले दिन मां मनसा देवी जिनका अवतरण महिषासुर के वध के लिये हुआ था, उनकी आराधना के लिये हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी के दरबार में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

chaitra navratri 2023
पहले नवरात्र को मां मनसा के दरबार में जुटी भारी भीड़
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Published : Mar 22, 2023, 7:17 AM IST

Updated : Mar 22, 2023, 9:30 AM IST

नवरात्र के पहले दिन मां मनसा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार एक ऐसा स्थान जहां वैसे तो 12 महीने श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है. लेकिन नवरात्र के समय बिल्व पर्वत पर स्थित मां मनसा के मंदिर में नजारा देखने वाला होता है. सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. हरिद्वार में वैसे तो मां के कई मंदिर हैं, मगर इस मंदिर की यह खासियत है कि यहां मंदिरों का त्रिकोण है. जिसमें नील पर्वत पर मां चंडी देवी का मंदिर है तो दूसरी और शिवालिक पर्वत माला के बिल्व पर्वत पर मां मनसा देवी विराजती है.

महिषासुर राक्षस का संहार: पुराणों के अनुसार प्राचीन काल में महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं और मनुष्यों पर भयंकर अत्याचार किए. ऐसे में महिषासुर के अत्याचार से सभी दुखी हो गए, तब देवताओं के मन में आया कि ऐसी कोई शक्ति का अवतरण होना चाहिए जो महिषासुर राक्षस का संहार कर सके. देवताओं के मन से निकली प्रार्थना पर मां दुर्गा ने मन से अवतार लिया और महिषासुर के अत्याचारों से संसार को मुक्ति दिलाई. मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार मन से हुआ था इसलिए मां के इस स्वरूप का नाम मनसा देवी पड़ा और मां मनसा देवी तब ही से शिवालिक पर्वत पर विराजमान है.
ये भी पढ़ें: Navratri 2023 : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलता है मनचाहा आशीर्वाद और जीवन की सीख भी

नवरात्र पर रही है खासी भीड़: शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मनसा देवी की पूजा आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी कष्ट दूर होते हैं. नवरात्र में मनसा देवी की आराधना करने का विशेष लाभ होता है. इसलिए देश के कोने कोने से श्रद्धालु नवरात्री में मां मनसा देवी के दर्शन के लिए हरिद्वार आते हैं.नवरात्र में मां मनसा देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सुबह 4 बजे से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़कर मंदिर पहुंचते हैं और दर्शनों का सिलसिला पूरे दिन चलता है.

नवरात्र के पहले दिन मां मनसा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार एक ऐसा स्थान जहां वैसे तो 12 महीने श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है. लेकिन नवरात्र के समय बिल्व पर्वत पर स्थित मां मनसा के मंदिर में नजारा देखने वाला होता है. सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. हरिद्वार में वैसे तो मां के कई मंदिर हैं, मगर इस मंदिर की यह खासियत है कि यहां मंदिरों का त्रिकोण है. जिसमें नील पर्वत पर मां चंडी देवी का मंदिर है तो दूसरी और शिवालिक पर्वत माला के बिल्व पर्वत पर मां मनसा देवी विराजती है.

महिषासुर राक्षस का संहार: पुराणों के अनुसार प्राचीन काल में महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं और मनुष्यों पर भयंकर अत्याचार किए. ऐसे में महिषासुर के अत्याचार से सभी दुखी हो गए, तब देवताओं के मन में आया कि ऐसी कोई शक्ति का अवतरण होना चाहिए जो महिषासुर राक्षस का संहार कर सके. देवताओं के मन से निकली प्रार्थना पर मां दुर्गा ने मन से अवतार लिया और महिषासुर के अत्याचारों से संसार को मुक्ति दिलाई. मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार मन से हुआ था इसलिए मां के इस स्वरूप का नाम मनसा देवी पड़ा और मां मनसा देवी तब ही से शिवालिक पर्वत पर विराजमान है.
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नवरात्र पर रही है खासी भीड़: शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मनसा देवी की पूजा आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी कष्ट दूर होते हैं. नवरात्र में मनसा देवी की आराधना करने का विशेष लाभ होता है. इसलिए देश के कोने कोने से श्रद्धालु नवरात्री में मां मनसा देवी के दर्शन के लिए हरिद्वार आते हैं.नवरात्र में मां मनसा देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सुबह 4 बजे से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़कर मंदिर पहुंचते हैं और दर्शनों का सिलसिला पूरे दिन चलता है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 9:30 AM IST
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