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सोमवती अमावस्या: श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

सोमवती अमावस्या पर धर्मनगरी के गंगाघाटों के साथ नदियों के तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की.

सोमवती अमावस्या
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Published : Oct 28, 2019, 2:07 PM IST

हरिद्वार: सोमवती अमावस्या स्नान सभी अमावस्याओं के स्नान में सबसे फलदायी माना जाता है. कुंभ-अर्द्धकुंभ में स्नान के बाद सोमवती अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ जुटती है. सोमवती अमावस्या के अवसर पर धर्मनगरी के गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की. वहीं, लोगों ने तर्पण और दान देकर पुण्य अर्जित किया.

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

रविवार से ही अमावस्या का पुण्य काल शुरू हो जाने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी. ब्रह्ममुहूर्त लगते ही लोगों ने गंगा में आस्था की डूबकी लगाई. वहीं, दिन बढ़ने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ने लगी. स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा. भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की हुई थी.

श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी

सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. दीपावली के अगले दिन सोमवती अमावस्या पड़ने की वजह से इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई. सोमवती अमावस्या का स्नान कुंभ और अर्धकुंभ के स्नान के बाद सबसे बड़ा स्नान माना जाता है.

इस दिन मां गंगा में डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य के भागीदार बनते हैं. हर की पौड़ी पर कम मात्रा में जल होने की वजह से श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने में परेशानी हो रही है. गंगा बंदी के चलते देर रात गंगा में पानी छोड़ा गया मगर पर्याप्त मात्रा में गंगा में पानी न होने की वजह से श्रद्धालु मायूस हुए.

हरिद्वार: सोमवती अमावस्या स्नान सभी अमावस्याओं के स्नान में सबसे फलदायी माना जाता है. कुंभ-अर्द्धकुंभ में स्नान के बाद सोमवती अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ जुटती है. सोमवती अमावस्या के अवसर पर धर्मनगरी के गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की. वहीं, लोगों ने तर्पण और दान देकर पुण्य अर्जित किया.

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

रविवार से ही अमावस्या का पुण्य काल शुरू हो जाने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी. ब्रह्ममुहूर्त लगते ही लोगों ने गंगा में आस्था की डूबकी लगाई. वहीं, दिन बढ़ने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ने लगी. स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा. भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की हुई थी.

श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी

सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. दीपावली के अगले दिन सोमवती अमावस्या पड़ने की वजह से इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई. सोमवती अमावस्या का स्नान कुंभ और अर्धकुंभ के स्नान के बाद सबसे बड़ा स्नान माना जाता है.

इस दिन मां गंगा में डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य के भागीदार बनते हैं. हर की पौड़ी पर कम मात्रा में जल होने की वजह से श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने में परेशानी हो रही है. गंगा बंदी के चलते देर रात गंगा में पानी छोड़ा गया मगर पर्याप्त मात्रा में गंगा में पानी न होने की वजह से श्रद्धालु मायूस हुए.

ब्रेकिंग हरिद्वार
सोमवती अमावस्या स्नान पर्व श्रद्धालु लगा रहे मां गंगा में आस्था की डुबकी दीपावली के अगले दिन सोमवती अमावस्या पड़ने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी सोमवती अमावस्या का स्नान कुंभ और अर्धकुंभ के स्नान के बाद सबसे बड़ा स्नान माना जाता है इस दिन मां गंगा में डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य के भागी बनते हैं हर की पौड़ी पर कम मात्रा में जल होने की वजह से श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने में हो रही परेशानी गंगा बंदी के चलते देर रात गंगा में पानी छोड़ा गया मगर पर्याप्त मात्रा में गंगा में पानी ना होने की वजह से श्रद्धालु हुए मायूस
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