हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर धर्मनगरी हरिद्वार में आज (19 नवंबर) को गंगा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. सुबह से ही हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए जुटनी शुरू हो गई थी. लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की कामना कर रहे हैं. वहीं, शाम 4 बजे तक 11.80 लाख श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर स्नान कर चुके हैं.
श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सुख समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है. स्नान के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 जोन और 32 सेक्टर में बांटा गया है. करीब डेढ़ हजार का पुलिस बल मेले में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया हैं.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थ नगरी हरिद्वार मे कार्तिक पूर्णिमा का स्नान आज सुबह चार बजे से ही शुरु हो गया. ठंड के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया. हरकी पैड़ी पर स्नान का सिलसिला जारी है. स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है. ज्योषियों की मानें तो आज के दिन गंगा स्नान करने से जंहा लोगों के पापों का नाश होता है, वहीं मानव की काया भी निरोगी हो जाती है. आज ही के दिन सिखों के धर्म गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश उत्सव भी मनाया जाता है.
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मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस महीनें में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है. एकादशी के दिन को भगवान विष्णु शयन से बाहर आते है और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते है. इन पांच दिनों को ज्योतिष पंचक कहते है और कहा जाता है. इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए.
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पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नहीं कर पाता है, वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हरिद्वार में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं.
बता दें कि, आज कार्तिक माह की पूर्णिमा है. इसे देव दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन गुरुनानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है. इसी तिथि पर भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था. इसे भगवान विष्णु का पहला अवतार माना जाता है. प्राचीन समय में जब जल प्रलय आया था, तब मत्स्य अवतार के रूप में भगवान ने पूरे संसार की रक्षा की थी. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.