हरिद्वार: अरुणाचल प्रदेश सरकार का एक प्रतिनिधि मंडल आज पतंजलि योगपीठ पहुंचा. इस प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षता अरुणाचल प्रदेश के वन और पर्यावरण मंत्री मामा नातुंग कर रहे हैं. प्रतिनिधि मंडल में अरुणाचल प्रदेश सरकार के डिप्टी रेजिडेंट कमिश्नर संगीत दूबे भी शामिल हैं. पतंजलि पहुंचने पर आचार्य बालकृष्ण ने कैबिनेट मंत्री को रुद्राक्ष माला व शॉल भेंटकर भव्य स्वागत किया. इस अवसर पर बालकृष्ण और कैबिनेट मंत्री के बीच वन संरक्षण, जड़ी-बूटी संवर्द्धन व पर्यावरण संतुलन आदि विविध विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई.
इस मुलाकात के बाद आचार्य बालकृष्ण ने कहा अरुणाचल वनों का प्रदेश है. यहां जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है. अरुणाचल के जंगलों में दुर्लभ जड़ी-बूटियां हैं, जो विविध असाध्य रोगों में कारगर हैं. उन्होंने कहा वनों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है. आज चन्द पैसों के लालच में वनों का दोहन हो रहा है जो हमारे भविष्य के लिए सही नहीं है. हमें वनों का संरक्षण करना है. इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है.
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इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों का लाभ प्रदेश की जनता को मिला है. युवाओं को रोजगार के अवसर भी सुलभ हो रहे हैं. सिजुसा में आचार्यकुलम् का निर्माण होने से क्षेत्र के बच्चों को उचित शिक्षा मिल रही है. उन्होंने आचार्य बालकृष्ण से आग्रह किया कि पतंजलि अपनी सेवाओं को प्रदेश में विस्तारित करें. इससे प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर होगा.
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अरुणाचल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने पतंजलि के विविध परिसरों का भ्रमण भी किया. उन्होंने पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों के विस्तार को देखकर सराहना की.