हरिद्वार: महाकुंभ की समाप्ति के बाद देर रात डीएम सी रविशंकर की ओर से 3 मई तक हरिद्वार में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया था. धर्मनगरी हरिद्वार में कर्फ्यू का असर साफ देखने को मिल रहा है. जहां विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं द्वारा आस्था की डुबकी लगाने के लिए भीड़ रहा करती थी, वहां आज बहुत कम संख्या में श्रद्धालु दिखे.
अगर बाजारों की बात करें तो हरिद्वार जिलाधिकारी के निर्देशानुसार हरिद्वार के अपर रोड के बाजारों में खाने के होटल और रेस्टोरेंट्स को छूट दी गई. लेकिन कुल मिलाकर सभी दुकानें बंद दिखाई दीं. वहीं पुलिस द्वारा अनावश्यक घूमने वाले व्यक्तियों पर चालान की कार्रवाई भी की गई और कर्फ्यू का पालन करने के लिए कहा गया.
पढ़ें: कोविड कर्फ्यू: सता रहा लॉकडाउन का डर, घरों को लौट रहे छात्र और मजदूर
हरिद्वार के बाजार में व्यपारियों द्वारा दुकानें बंद रखी गईं. इसके अलावा सड़कें सुनसान दिखाई दीं. अगर बात करें स्थानीय लोगों की तो वह कर्फ्यू को लेकर जागरूक दिखाई दिए. वहीं व्यापारी नेता का कहना है कि हरिद्वार में लॉकडाउन करने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. व्यापारी और यात्री काफी परेशान हैं. हालांकि जिलाधिकारी का व्यापारियों ने धन्यवाद किया कि उन्होंने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए खाने के रेस्टोरेंट्स और होटलों को छूट दी है.