हरिद्वार: बुद्ध पूर्णिमा यानि भगवान विष्णु का धरती पर भगवान बुद्ध रूप में अवतरण का दिन. आज कड़ी सुरक्षा के बीच हरिद्वार में बुद्ध पूर्णिमा का स्नान संपन्न हुआ. इस अवसर पर स्नान करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे. हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर करीब 5 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.
मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया था. बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ और आज ही के दिन भगवान बुद्ध की धरती से विदाई हुई. आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास रखने का महत्व बताया. भगवान ने नृसिंह अवतार लिया था.
बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और गंगा की पूजा अर्चना करने से असीम पुण्य का लाभ मिलता है, ऐसी मान्यता है. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा स्नान किया. हर तरफ हर हर गंगे के नारे लगते नजर आए.
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बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान, दान और तर्पण का विशेष तौर पर महत्व बताया गया है. इस दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है. खास तौर पर हर की पैड़ी के ब्रह्मकुंड पर स्नान का पुण्य फल मिलता है. आज स्नान करने के बाद तर्पण करें. अपने पुरोहित और ब्राह्मणों को दान स्वर्ण, भोजन और शैय्या दान करना विशेष तौर पर पुण्यदायी बताया गया है.
हरिद्वार गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं का कहना था कि गंगा स्नान का वैसे भी महत्व है, लेकिन बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान करने पर असीम पुण्य का लाभ मिलता है. गंगा स्नान करने से कष्ट दूर होते हैं. साथ ही पाप भी नष्ट होते हैं. उसी के सिलसिले में हरिद्वार में भी भीड़ पहुंची.