रुड़की: हरिद्वार जनपद में रुड़की सिविल अस्पताल के जर्नल वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों के मोबाइल और रुपए चोरी होने का मामला सामने आया है. वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल के स्टाफ पर चोरी करने का आरोप लगाया है, हालांकि अस्पताल के सीएमएस ने इस मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया है.
सिविल अस्पताल में तीमारदारों के मोबाइल चोरी: रुड़की के सिविल अस्पताल में रात के समय वार्ड से मरीजों के तीमारदारों के मोबाइल और रुपए अज्ञात लोगों द्वारा चोरी करने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. बताया गया है कि रात्रि के समय अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों के सोने के बाद उनके मोबाइल और पर्स चुरा लिए गए हैं. तीमारदारों को इस बात की जानकारी तब लगी जब उनकी नींद खुली.
तीमारदारों ने अस्पताल स्टाफ पर जताया शक: एक महिला तीमारदार बॉबी का कहना है कि रात के समय दो बजे वह सोयी थी. सुबह के समय आसपास के अन्य तीमारदारों का शोर सुनकर वह नींद से जागी. इस दौरान अन्य तीमारदारों के मोबाइल भी चोरी किए गए थे. जब उन्होंने देखा तो उनका भी मोबाइल और पर्स भी गायब मिले. उन्होंने बताया कि उनके पर्स में तीन हजार रुपये, आधार कार्ड और अन्य जरूरी कागजात थे. उन्होंने जब अपने नंबर पर फोन किया तो उनके मोबाइल पर घंटी जा रही थी. उन्होंने बताया कि तीन मोबाइल चोरी किए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें शक है कि अस्पताल स्टाफ द्वारा ही चोरी की गई है. उधर, अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के तीमारदारो ने भी अस्पताल के स्टाफ पर ही चोरी का आरोप लगाया है.
सीसीटीवी कैमरे लगे होने पर भी हो रही चोरी! बताते चलें कि रुड़की सिविल अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों और तीमारदारों के मोबाइल चोरी होने का यह मामला पहला नहीं है. आरोप है कि इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं देखने को मिली हैं. लेकिन किसी मामले में अभी तक कोई भी निष्कर्ष निकल कर सामने नहीं आ सका है. वहीं अब सवाल ये उठना लाजमी है कि जब अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, तो सीएमएस खुद भी चेक कर सकते हैं कि वार्ड के अंदर चोरी कौन कर रहा है.
सीएमएस ने कहा हमारे पास सिक्योरिटी नहीं: वहीं, अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि उनके पास अभी तक लिखित में कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी यहां कई बार चोरी हो चुकी है लेकिन पुलिस के द्वारा छानबीन करने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. अगर पुलिस चाहे तो आकर जांच कर सकती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अस्पताल में किसी तरह की सिक्योरिटी नहीं होती. साथ ही सीमित स्टाफ मरीजों की देखभाल के लिए होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस को ध्यान देना चाहिए, जिससे असामाजिक तत्व अस्पताल में प्रवेश न कर सकें.
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