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सिर्फ इलाज ही नहीं रिपोर्ट के लिए भी जद्दोजहद, एक हफ्ते बाद भी नहीं पता पॉजिटिव या निगेटिव - आरटीपीसीआर रिपोर्ट के लिए करना पड़ा रहा लंबा इंतजार

किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने और लक्षण दिखने पर तत्काल कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है. लेकिन रुड़की में जांच के एक हफ्ते बाद भी रिपोर्ट नहीं आ रही है.

corona report in Roorkee
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Published : Apr 28, 2021, 6:05 PM IST

रुड़की: उत्तराखंड में सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए बेड की ही किल्लत नहीं है, बल्कि कोरोना जांच को लेकर भी बहुत अव्यवस्थाएं हैं. लोगों को पहले टेस्ट कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. टेस्ट हो भी जाए तो फिर हफ्तों तक रिपोर्ट नहीं आ रही है. ऐसे में बिना लक्षण वाले लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वो कोरोना पॉजिटिव है या नहीं. इन हालात को देखकर तो यही कहा जा सकता है स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के इंतजामों की रिपोर्ट निगेटिव है.

किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने और लक्षण दिखने पर तत्काल कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है. लेकिन जांच के एक हफ्ते बाद भी रिपोर्ट नहीं आ रही है. ऐसे में कई मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है. वहीं जो लोग सही भी हैं, वो रिपोर्ट के कारण घर से बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं. इस तरह के कई मामले रुड़की में सामने आ चुके हैं.

पढ़ें- कैलाश अस्पताल में बची है सिर्फ 3 घंटे की ऑक्सीजन, भर्ती हैं 200 कोरोना मरीज

जानकारी के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले एनआईएच कॉलोनी व रुड़की नगर निगम में कई लोगों ने कोविड टेस्ट कराया था. जिनकी रिपोर्ट आजतक भी नहीं आई है. ये स्थिति तब है जब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) कॉलोनी में अबतक 50 से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोरोना से एक की मौत भी हो चुकी है.

बता दें कि एनआईएच में 30 से 40 लोगों के कोविड सैम्पल लिए गए थे. इनमें से अधिकांश की रिपोर्ट सैंपल लेने के एक हफ्ते बाद भी नहीं आई है. इस बारे में रुड़की एएसडीएम पूरण सिंह राणा का कहना है कि सीएमएस से जानकारी ली गई है. जिस लैब ने सैंपल लिए थे, उससे भी संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही रिपोर्ट आ जायेगी. ऐसी परिस्थितियों में आप अंदाजा लगा सकते है स्वास्थ्य विभाग की हालत कितनी खराब हो चुकी है.

रुड़की: उत्तराखंड में सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए बेड की ही किल्लत नहीं है, बल्कि कोरोना जांच को लेकर भी बहुत अव्यवस्थाएं हैं. लोगों को पहले टेस्ट कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. टेस्ट हो भी जाए तो फिर हफ्तों तक रिपोर्ट नहीं आ रही है. ऐसे में बिना लक्षण वाले लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वो कोरोना पॉजिटिव है या नहीं. इन हालात को देखकर तो यही कहा जा सकता है स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के इंतजामों की रिपोर्ट निगेटिव है.

किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने और लक्षण दिखने पर तत्काल कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है. लेकिन जांच के एक हफ्ते बाद भी रिपोर्ट नहीं आ रही है. ऐसे में कई मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है. वहीं जो लोग सही भी हैं, वो रिपोर्ट के कारण घर से बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं. इस तरह के कई मामले रुड़की में सामने आ चुके हैं.

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जानकारी के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले एनआईएच कॉलोनी व रुड़की नगर निगम में कई लोगों ने कोविड टेस्ट कराया था. जिनकी रिपोर्ट आजतक भी नहीं आई है. ये स्थिति तब है जब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) कॉलोनी में अबतक 50 से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोरोना से एक की मौत भी हो चुकी है.

बता दें कि एनआईएच में 30 से 40 लोगों के कोविड सैम्पल लिए गए थे. इनमें से अधिकांश की रिपोर्ट सैंपल लेने के एक हफ्ते बाद भी नहीं आई है. इस बारे में रुड़की एएसडीएम पूरण सिंह राणा का कहना है कि सीएमएस से जानकारी ली गई है. जिस लैब ने सैंपल लिए थे, उससे भी संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही रिपोर्ट आ जायेगी. ऐसी परिस्थितियों में आप अंदाजा लगा सकते है स्वास्थ्य विभाग की हालत कितनी खराब हो चुकी है.

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