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मोहर्रम पर भी कोरोना का साया, घरों में ही होगी इबादत

कोरोनाकाल में मोहर्रम पर ताजिये निकालने को लेकर सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. वहीं, कोरोना की वजह से मोहर्रम सूक्ष्म रूप से मनाया जाएगा.

Haridwar  NEWS
मोहर्रम में ताजिये पर भी कोरोना का साया
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Published : Aug 20, 2021, 6:49 AM IST

हरिद्वार: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण सरकार ने सामूहिक रूप से होने वाले आयोजनों पर रोक लगा रखी है. मोहर्रम पर इस बार ताजिये नहीं निकाले जाएंगे. कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. वहीं, कोरोना गाइडलाइन का पालन के साथ ही आंशिक रूप से मोहर्रम की तैयारियां मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में की जा रही है.

गुलामाने मुस्तफा सोसायटी के अध्यक्ष सागर अंसारी के संयोजन में ताजिये को भव्य रूप प्रदान करते हुए पूरी टीम ने एक माह से तैयारी की है. सागर अंसारी ने बताया कि यूट्यूब से आइडिया लेकर ताजिये को तैयार किया गया है. कोरोनाकाल के चलते प्रशासन द्वारा जारी नियमों के तहत ही ताजिये को नियत स्थान पर रखा जाएगा. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा.

पढ़ें-बहनों ने 'भैया धामी' को बांधा रक्षा सूत्र, मिला फ्री बस सेवा का तोहफा

एक महीने में तीन कुंतल वजन के ताजिये को तैयार किया गया है. जिसमें ताजिये को भव्य रूप प्रदान करने के लिए बेहतरीन सजावट की गयी है. हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत की खातिर जान गंवाई, उन्होंने सच्चाई पर चलकर इस्लाम को संदेश दिया और उनकी शहादत को हमेशा याद किया जाएगा. प्रशासन द्वारा इस वर्ष ताजिये को सार्वजनिक स्थानों पर निकालने की अनुमति नहीं दी गयी है.

हरिद्वार: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण सरकार ने सामूहिक रूप से होने वाले आयोजनों पर रोक लगा रखी है. मोहर्रम पर इस बार ताजिये नहीं निकाले जाएंगे. कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. वहीं, कोरोना गाइडलाइन का पालन के साथ ही आंशिक रूप से मोहर्रम की तैयारियां मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में की जा रही है.

गुलामाने मुस्तफा सोसायटी के अध्यक्ष सागर अंसारी के संयोजन में ताजिये को भव्य रूप प्रदान करते हुए पूरी टीम ने एक माह से तैयारी की है. सागर अंसारी ने बताया कि यूट्यूब से आइडिया लेकर ताजिये को तैयार किया गया है. कोरोनाकाल के चलते प्रशासन द्वारा जारी नियमों के तहत ही ताजिये को नियत स्थान पर रखा जाएगा. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा.

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एक महीने में तीन कुंतल वजन के ताजिये को तैयार किया गया है. जिसमें ताजिये को भव्य रूप प्रदान करने के लिए बेहतरीन सजावट की गयी है. हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत की खातिर जान गंवाई, उन्होंने सच्चाई पर चलकर इस्लाम को संदेश दिया और उनकी शहादत को हमेशा याद किया जाएगा. प्रशासन द्वारा इस वर्ष ताजिये को सार्वजनिक स्थानों पर निकालने की अनुमति नहीं दी गयी है.

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